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जर्जर मंदिरों का जीर्णोद्धार कराएगी योगी सरकार, राम भक्तों को होगा त्रेता युग का अनुभव

जर्जर मंदिरों का जीर्णोद्धार कराएगी योगी सरकार, राम भक्तों को होगा त्रेता युग का अनुभव

जर्जर मंदिरों का जीर्णोद्धार कराएगी योगी सरकार, राम भक्तों को होगा त्रेता युग का अनुभव राम जन्मभूमि (Ram Janambhumi) परिसर के आस-पास बने प्राचीन मंदिरों की भव्यता एक बार फिर लौटेगी. बाबरी विध्वंस के बाद बंदिशों की वजह से इन मंदिरों में श्रद्धालु नहीं आते थे, जिसकी वजह से ये जर्जर हो गए
अयोध्या. राम मंदिर (Ram Mandir) की आधारशिला रखे जाने के साथ ही अब राम मंदिर के आसपास के मंदिरों के दिन भी बहुरेंगे. जर्जर मंदिरों के अस्तित्व को बचाने के लिए जल्द ही योगी सरकार (Yogi Government) मंदिर प्रशासन के साथ मिलकर इनका जीर्णोद्धार करवाएगी. राम की नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं को त्रेता की नगरी में आने का अनुभव करने के लिए अयोध्या के मंदिरों को उनकी प्राचीनता के हिसाब से योगी सरकार जीर्णोद्धार कराने जा रही है. जल्द ही यह योजना जमीन पर क्रियान्वित होगी.

दरअसल, 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के बाद बंदिशों की वजह से रामकोट क्षेत्र बदहाल हो गया था. यहां पर श्रद्धालुओं को आने और जाने की पाबंदी थी, जिस वजह से मंदिर की आमदनी खत्म हुई तो मंदिर भी खंडहर में तब्दील हो गए. कुछ ऐसे मंदिर भी थे जो राम जन्मभूमि परिसर के आसपास बने हैं. जिसमें प्रमुख रूप से राम खजाना सीता रसोई, कैकयी कोप भवन, कौशल्या भवन, सुमित्रा भवन, लक्ष्मण मंदिर हैं जो राम जन्मभूमि के परिसर के अंदर भी रखरखाव के अभाव में जीर्ण शीर्ण हो गए. साथ ही पर्यटकों के न आने से रामकोट क्षेत्र के भी मंदिरों की आमदनी बन्द हुई तो आर्थिक तंगी की वजह से मंदिरों की रिपेयरिंग और रखरखाव के अभाव में मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गये. इन मंदिरों का अस्तित्व भी खतरे में हैं. जल्द ही योगी सरकार इस विषय पर भी काम करने जा रही है. राम जन्मभूमि क्षेत्र के आसपास मंदिरों का सौंदर्यीकरण करवाने की तैयारी है. मंदिरों में पर्यटकों के आने की व्यवस्थाओं को भी सुचारू रूप से शुरू किया जाएगा, जिससे कि राम जन्मभूमि क्षेत्र में मंदिरों का पुराना स्वरूप दिखे और त्रेता युग की अयोध्या निखर के सामने आए.

बंदिशों की वजह से मंदिरों की बदहाल है स्थिति

नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने बताया कि राम जन्मभूमि परिषद के आसपास के जीर्ण शीर्ण मंदिरों को मंदिर प्रशासन से वार्ता करके उनकी सहमति से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाएगा. राम जन्मभूमि आने वाले श्रद्धालुओं को अयोध्या के मंदिरों की प्राचीनता और पौराणिकता के बारे में ज्ञान हो इससे रामलला दर्शन करने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. अयोध्या के मंदिर और मंदिरों की अर्थव्यवस्था जो श्रद्धालुओं पर निर्भर है उसमें भी बढ़ोतरी होगी. विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अयोध्या के रामकोट क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से सील कर दिया गया था. जिसका असर राम जन्मभूमि के आसपास रामकोट क्षेत्र के मंदिरों पर पड़ा. उनकी अर्थव्यवस्था चरमरा गयी तो मंदिर के रखरखाव के अभाव में मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गए. अब उनको सरकारी मदद के माध्यम से दोबारा से जीर्णोद्वार कराया जाएगा. यह सरकार की योजना में है.

सरकार की पहल स्वागत योग्य 

उधर राम जन्मभूमि के आसपास के जीर्ण शीर्ण मंदिर के महंत कहते हैं कि प्रशासनिक बंदिशों के वजह से मंदिरों में श्रद्धालुओं की आमद खत्म हो गई. जिसके बाद मंदिर का राग भोग और उत्सव सेवइयां में ही आर्थिक संकट आड़े हाथों लेने लगा. ऐसे में मंदिरों का रिपेयरिंग जीर्णोद्धार कराना मंदिर प्रशासन के लिए एक बड़ी समस्या  थी. जिसकी वजह से राम जन्मभूमि क्षेत्र के आसपास के जो मंदिर है बदहाल हो गए. हालांकि मंदिर प्रशासन लगातार मंदिर के जीर्णोद्धार का प्रयास करता रहा लेकिन श्रद्धालुओं पर निर्भर रहने वाली मंदिरों की अर्थव्यवस्था उनके न आने से चरमरा गई. सरकार की पहल स्वागत योग्य है और अगर ऐसा होता है तो अयोध्या के मंदिरों के दिन फिर से वापस आएंगे. एक बार फिर त्रेता युग की अयोध्या श्रद्धालुओं के सामने आएगी.