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अवमानना केस में वकील प्रशांत भूषण पर फिर कार्रवाई की मांग उठ रही है।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली बार काउंसल को पत्रलिखते हुए उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। प्रशांत भूषण दिल्ली बार काउंसिल में रिजस्टर्ड हैं।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से अवमानना केस में दोषी ठहराए गए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने 1 रुपए का जुर्माना भरने का फैसला किया। ऐसा नहीं करने पर उन्हें तीन महीने की जेल हो सकती थी। प्रशांत भूषण ने यह जानकारी देते हुए कहा, ”मेरे वकील और वरिष्ठ साथी राजीव धवन ने अवमानना फैसले के तुरंत बाद 1 रुपए का योगदान दिया, जिसे मैंने कृतज्ञता से स्वीकार किया है।”

पीठ ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी बाधित नहीं की जा सकती है लेकिन दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान करना होगा। शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के खिलाफ दो अपमानजनक ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था और कहा था कि इन्हें जनहित में न्यापालिका के कामकाज की स्वस्थ आलोचना नहीं कहा जा सकता। भूषण ने अपने बयान में इन ट्वीट के लिए न्यायालय से क्षमा याचना करने से इनकार करते हुए कहा था कि वह जिसमे विश्वास करते हैं वही, उन्होंने कहा था।