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कृषि विधेयकों पर भ्रम को दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में किया संवाद

पिछले कुछ दिनों से कई कृषि क़ानूनों को लेकर देश में चर्चाओं का दौर भले ही जारी हो लेकिन ऐसे में अब केंद्रीय मंत्रियों ने क़ानून को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को लेकर आम लोगों से संवाद किया। जयपुर से लेकर ईटानगर तक कानून के पक्ष में मोर्चा संभाला और इससे किसानों के जीवन में आने वाले परिवर्तनकारी प्रभाव के बारे में जानकारी दी।

 

कृषि सुधार कानूनों पर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के नकारात्मक रुख की सरकार ने कड़ी आलोचना की है। केंद्र ने एक बार फिर साफ किया किसानों के कल्याण के लिये वो पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

गुरुवार को कई केंद्रीय मंत्रियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में कानून को लेकर आम लोगों से संवाद किया।

मंत्रियों ने जयपुर से लेकर ईटानगर तक कानून के पक्ष में मोर्चा संभाला और इससे किसानों के जीवन में आने वाले परिवर्तनकारी प्रभाव के बारे में जानकारी दी। दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कानून को लेकर विपक्ष लगातार भ्रम फैला रहा है जबकि वास्तविक्ता इसके बिलकुल उलट है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को उनकी लागत को कम से डेढ़़ गुना कीमत एमएसपी के जरिये दे रही है। पूर्व की सरकारों के मुकाबले मोदी सरकार के 6 वर्षों में प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थम मूल्य में जो़रदार इजाफा किया गया है। वर्ष 2013-14 में कृषि पर कुल बजट राशि जंहा 21933 करोड़ रूपये थी वहीं 2020-21 में ये बढ़कर 1 लाख 34 हजार करोड़ रूपये हो गई है।

इसके साथ ही किसान सम्मान निधि के तहत एक साल में किसानों को 94 हजार करोड़ रूपये दिये गये हैं। सरकार ने 10 हजार किसान उत्पादक संघ यानी (एफपीओ) बनाने का फैसला भी किया है। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड की जरिये कर्ज की सीमा अब 8 लाख करोड़ की जगह 12 लाख करोड़ रूपये कर दी गई है।

राजनाथ सिंह ने करार खेती यानी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर भी साफ कहा है कि नई न्यवस्था से किसानों को फायदा होगा।

इधर केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल जयपुर में किसानों के साथ एक संवाद में शामिल हुये। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान किसान रेल सेवा शुरू की गई।

उधर जम्मू में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने किसानों के साथ एक संवाद में शामिल हुये। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ के चलते इस बिल का विरोध कर रहे है। उत्तर पूर्व के ईटानगर में केन्द्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने मोर्चा संभाला और विपक्ष पर किसानों को भरमाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

गौरतलब है कि देश भर में अलग अलग जगहों पर मोदी सरकार के मंत्री संसद से पारित किये गये किसानों से जुड़े तीन अहम बल के फायदे बता रहे है। इसके साथ ही विपक्ष की राजनीति पर सवाल भी खड़ा किया जा रहा है। बीजेपी भी देशभर में किसानों को इन बिलों के फायदे के बारे में बताने के लिये किसानों से संवाद कर रही है।

सोर्स डी डी न्यूज