भाजपा ने पश्चिम बंगाल में पार्टी कार्यकर्ता हत्या मामले में की सीबीआई जांच की मांग
पश्चिम बंगाल में राजनीति हत्याओं का दशको पुराना सिलसिला अभी भी थमने का नाम नही ले रहा है… कल भाजपा के नेता की हत्या के बाद पूरा मामला एक बार फिर से गर्मा गया है… भाजपा ने इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की है तो राज्यपाल ने भी बंगाल में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये है… पूरे मामले के बाद एक बार फिर से ममता बनर्जी सवालों के घेरे में आ गई है।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्यों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को फिर एक और भाजपा कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। हत्या को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष है। हत्या के विरोध में कार्यकर्ताओं ने उत्तर 24 परगना सड़क जाम कर दी। पार्टी ने 12 घंटे के बैरकपुर बंद का आह्वान किया था। बंद के कारण यातायात पूरी तरह से चरमरा गया। प्रदर्शनकारियों ने हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इधर दिल्ली में भी भाजपा ने हत्या के खिलाफ मोर्चा संभाला और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा कि जिस प्रकार राज्य के बाहर हुई घटनाओं के दौरान वह अपने नेताओं के प्रतिनिधिमंडल भेजती हैं, क्या उसी प्रकार वह भाजपा पार्षद के घर जाएंगी?।
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्ला के परिवार के सदस्यों से मिलने बैरकपुर पहुंचा। भाजपा नेतृत्व ने तृणमूल कांग्रेस को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मामले का संज्ञान लेते हुए प्रदेश की खराब होती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक को तलब किया था। हालांकि उनसे मिलने गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक राजभवन तो नहीं पहुंचे जबकि उनकी जगह मुख्य सचिव ज़रूर पहुंचे। मुलाकात के बाद राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा कि वर्तमान चिंताजनक स्थिति को लेकर मुख्य सचिव को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है।
मुझे यकीन है कि मुख्यमंत्री को इन सभी महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया जाएगा जो लोकतांत्रिक शासन की नींव को कमज़ोर करते हैं और अराजकता को बढ़ावा देते हैं। राजनीतिक हिंसा और लक्षित हत्याएं ज़रूर बंद होनी चाहिए।
इससे पहले मुख्य सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक के राजभवन न पहुंचने पर राज्यपाल ने ममता बनर्जी को एक ट्वीट में टैग करते हुए लिखा, ‘‘राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक, राज्य के संवैधानिक प्रमुख द्वारा सतर्क किए जाने के बाद भी लक्षित राजनीतिक हत्याएं। एसीएस गृह और न ही पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक ने कोई जवाब दिया।’’
पुलिस ने मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ के निकट भाजपा नेता एवं स्थानीय पार्षद मनीष शुक्ला की मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी थी। भाजपा ने हत्या के लिए सत्ताधारी तृणामूल कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया है जबकि तृणमूल ने इन आरोपों ख़ारिज किया है। पचिश्म बंगाल में राजनीति हिंसा और लक्षित हत्याओं का सिलसिला पुराना है मगर ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद से ही भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की हत्याओं बढ़ गई हैं जो दोनों दलों की कड़वाहट भरी राजनीति का प्रतीक बनता जा रहा है।
सोर्स डी डी न्यूज