भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन में मानवीय संकट का मुद्दा उठाया। सभी नागरिकों की सुरक्षित और निर्बाध निकासी की मांग की
भारत ने कहा है कि यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति और मानवीय संकट पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है। यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने कहा कि पिछले 11 दिन के दौरान लगभग 15 लाख शरणार्थियों ने यूक्रेन के पडोसी देशों में शरण ली है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने बैठक में कहा कि इस मानवीय संकट के तत्काल समाधान तथा यूक्रेन में फंसे सभी नागरिकों की सुरक्षित और निर्बाध निकासी की जरूरत है।
खबरों के अनुसार, सुमी विश्वविद्यालय के मेडिकल छात्र सहित सैकडों भारतीय नागरिक पूर्वी यूक्रेन में फंसे हैं। लगातार गोलाबारी के बीच उन्हें सुरक्षित निकालने के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं।
श्री तिरूमूर्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी और यूक्रेन नेतृत्व से फिर बातचीत की है और तत्काल संषर्घ विराम की भारत की अपील दोहराई है। प्रधानमंत्री ने दोनों पक्षों से बातचीत और राजनयिक माध्यम से समस्या का समाधान करने को कहा है।
श्री तिरूमूर्ति ने पिछले कुछ दिनों में बीस हजार से अधिक भारतीयों की स्वदेशी वापसी के लिए यूक्रेन और उसके पडोसी देशों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने अन्य देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकालने की भारत की इच्छा व्यक्त की। श्री तिरूमूर्ति ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरश की यूक्रेन और क्षेत्रीय शरणार्थी सहायता योजना की अपील का स्वागत किया है।
श्री तिरूमूर्ति ने बताया कि भारत ने यूक्रेन और पडोसी देशों के लिए मानवीय सहायता की सात खेप भेजी है। और भी सहायता सामग्री भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है।
श्री तिरूमूर्ति ने इस बात पर बल दिया कि मानवीय सहायता कार्य हमेशा सहयोग भावना, मानवीयता और निष्पक्षता से निर्देशित होने चाहिए और इनका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
सोर्स डी डी न्यूज