जानिए क्या है बिटक्वाइन ? 24 लाख रुपए के करीब पहुंची एक बिटक्वाइन की कीमत ने नए निवेशकों को भी किया आकर्षित ।
बिटक्वाइन का अविष्कार 11 साल पहले जापान के इंजीनियर सतोशी माकामोटो ने किया था। 3 जनवरी वर्ष 2009 में अस्तित्व आने के बाद ये उछाल मार रहा है। बिटक्वाइन का कोई मालिक नहीं है। इस पर किसी बैंक या सरकार का नियंत्रण नहीं है। यही इसकी सबसे बड़ी खामी है। दूसरी करंसी की तरह इसे न तो देख सकते हैं और ना ही छू सकते है। बिटक्वाइन को आप सिर्फ ऑनलाइन वालेट में ही रख सकते हैं।
एक बिटक्वाइन में दस करोड़ सतोशी
जैसे भारतीय मुद्रा में एक रुपए में 100 पैसे होते हैं। वैसे ही 10 करोड़ सतोशी का एक बिटक्वाइन होता है। इसका मतलब ये भी है कि एक बिटक्वाइन को 8 डेसीमल तक तोड़ सकते हैं। यानी 0.0001 बिटक्वाइन की खरीदारी या बिक्री दोनों कर सकते हैं।
यूं कमाए जाते हैं बिटक्वाइन
बिटक्वाइन हासिल करने के तीन तरीके हैं। पहला यह कि आप सीधे पैसे देकर खरीद सकते हैं। बाद में उसकी कीमत बढ़ने पर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। हालांकि इसमें जोखिम भी बहुत होता है क्योंकि कभी-कभी कुछ घंटों में ही कीमत 40 प्रतिशत तक गिर जाती है। आप इसकी छोटी यूनिट सतोशी भी खरीद सकते है। दूसरा तरीका यह है कि अगर आप अपनी कोई चीज ऑनलाइन बेच रहे हों और सामने वाले व्यक्ति के पास बिटक्वाइन है तो आप अपनी चीज के बदले उससे करंसी भी ले सकते है। बाद में आप बेचकर आए रुपयों को अपने बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं। तीसरा तरीका यह है कि अगर आपके पास हाई स्पीड प्रोसेसर युक्त कम्प्यूटर है तो आप बिटक्वाइन की माइनिंग का काम भी कर सकते हैं। बिटक्वाइन माइनर बिटक्वाइन में होने वाले लेन-देन को वेरीफाई करने का काम करता है। इसके बदले उन्हें कुछ बिटक्वाइन इनाम के तौर पर मिलते है। इसी से बाजार में नए बिटक्वाइन आते हैं। आम भाषा में माइनिंग का मतलब होता है कि खुदाई के द्वारा खनिजों को निकालना जैसे सोना कोयला आदि। चूंकि बिटक्वाइन का कोई भौतिक रूप नहीं है इसलिए इसकी माइनिंग का अर्थ बिटक्वाइन का निर्माण करना है, जो कंप्यूटर से होता है। नए बिटक्वाइन बनाने के तरीके को बिटक्वाइन माइनिंग कहा जाता है।
24 लाख रुपए के करीब पहुंची एक बिटक्वाइन की कीमत ने नए निवेशकों को भी आकर्षित किया है। इसके चलते शेयर बाजार और रियल इस्टेट की नींद उड़ गई है। 100 फीसदी रिटर्न के लालच में निवेशकों ने 150 करोड़ रुपए तीन दिन के भीतर इसमें लगा दिए हैं। अकेले यूपी में ही बिटक्वाइन का बाजार 10 हजार करोड़ रुपए का पहुंच गया है। जिसमें कानपुर, प्रयागराज, नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा और मुजफ्फरनगर सबसे आगे हैं। क्रिप्टोकरंसी पर निगरानी आरबीआई से लेकर खुफिया आर्थिक एजेंसियों तक के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है।
वेबसाइट्स के जरिए खरीद फरोख्त
देश में ऐसी कई वेबसाइट्स हैं, जिनके जरिए बिटक्वाइन को खरीदा-बेचा जाता है। एक तरह से ये एक्सचेंज के रूप में काम करते हैं और ट्रेंडिंग के एवज में ग्राहकों से कमीशन लेते हैं। अभी यूनोक्वाइन, जेबपे, क्वाइनबॉक्स, क्वाइनसिक्योर जैसी कई साइट्स का कारोबार चल रहा है। इसका इस्तेमाल ऑनलाइन पेमेंट के लिए किया जाता है। इसमें दो व्यक्ति बिना किसी बैंक, क्रेडिट कार्ड या कंपनी के माध्यम से लेन-देन करते हैं लेकिन बिटक्वाइन की सीरीज में एक-एक पैसे का लेनदेन कोड हो जाता है, वो भी बिना पहचान बताए।byhindustan