नितिन गडकरी ने मणिपुर में 3000 करोड़ रुपये की लागत से 13 प्रोजेक्ट्स की रखी नींव
नितिन गडकरी ने मणिपुर में 3000 करोड़ रुपये की लागत से 13 प्रोजेक्ट्स की रखी नींव
13 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए गडकरी ने कहा कि मणिपुर में सड़कों का जाल बिछाया जायेगा. आने वाले समय में कई राष्ट्रीय राजमार्गों को 2 लेन और कई एनएच को 4 लेन किया जायेगा. जिससे यात्रियों और सामानों का आवागमन सुगम हो सके।
इंफाल. उत्तर पूर्वी राज्य देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन सकता है. ऐसी उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी कई मोर्चों पर कह चुके है. मोदी सरकार पहले दिन से ही लगातार उत्तर पूर्वी राज्यों के विकास के काम कर रही है. रेलवे नेटवर्क को मजबूती देना हो या सड़कों का जाल बिछाना लगातार कई परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है. केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मणिपुर में करीब 3000 करोड़ रुपये के 13 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया. 316 किलोमीटर के इन परियोजनाओं के पूरा होने से इस लैंड लॉक और हिल लॉक राज्य की तस्वीर बदल जायेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा से जुए एक प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी किया।
नितिन गडकरी ने कहा कि मणिुपर में सड़क परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण का काम बहुत ही ढीला है. इसमें तेजी लाये जाने की जरूरत है. उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध करते हुए तंज कसा कि सिस्टम में डंडे चलाइए और सड़क परियोजनाओं से संबंधित कामों में तेजी लाया जाना चाहिए. गडकरी ने राज्य सरकार को नसीहत दी कि सड़क परियोजनाओं में गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं होना चाहिए. निर्णय लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाये रखा जाना चाहिए. भ्रष्टाचार मुक्त सिस्टम रखना होगा. फास्ट ट्रैक डिसिजन मेकिंग सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
इन 13 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए गडकरी ने कहा कि मणिपुर में सड़कों का जाल बिछाया जायेगा. आने वाले समय में कई राष्ट्रीय राजमार्गों को 2 लेन और कई एनएच को 4 लेन किया जायेगा. जिससे यात्रियों और सामानों का आवागमन सुगम हो सके. आने वाले समय में 874.5 किमी के 7 राष्ट्रीय राजमार्गों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर 16623 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
नितिन गडकरी ने मणिपुर में 3000 करोड़ रुपये की लागत से 13 प्रोजेक्ट्स की रखी नींव ये सड़क परियोजनाएं है:-
1. 4 लेन सड़क परियोजना कोहिमा से इंफाल के बीच 106.5 किलोमीटर है. इसकी लागत 2663 करोड़ रुपये है. बहुत जल्दी प्रोजेक्ट अवॉर्ड किया जायेगा.
2. 4 लेन इंफाल से चौराहा चंदपुर, लंबाई 62 किमी, लागत 1566 करोड़ रुपये.
3. 2 लेन एनएच 202 में 215 किमी की सड़क परियोजना लागत 3180 करोड़ रुपये.
4. 4 लेन एनएच 37 में इम्फाल से जिरावन के बीच 220 किमी लंबी सड़क परियोजना लागत 5425 करोड़ रुपये
5. 2 लेन ओखरल से तडूवी के बीच 105 किमी लंबी सड़क परियोजना लागत 1400 करोड़ रुपये
ऑर्गेनिक फार्मिंग से लेकर वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल करे
नितिन गडकरी ने मणिपुर में 3000 करोड़ रुपये की लागत से 13 प्रोजेक्ट्स की रखी नींव गडकरी ने मणिपुर राज्य सरकार को नसीहत दी कि वे सिक्किम के तर्ज पर राज्य में सिर्फ ऑर्गेनिक खेती करवाये. उन्होंने कहा कि आर्गेनिक खेती के अलावा मणिपुर में वैकल्पिक ईंधन से परिवहन व्यवस्था पर जोर देना चाहिए. उन्होंने मणिपुर के एन बीरेन सिंह की सरकार को सलाह देते हुए कहा कि मिथनॉल, एथनॉल और बायो ईंधन के इस्तेमाल से यात्री परिवहन लागत में भारी कमी आयेगी. इससे ना सिर्फ परिवहन लागत कम कम होगा, बल्कि पर्यावरण को भी प्रदूषण से बचाया जा सकेगा.यवैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल से यात्रा किराया टिकट 50 फीसदी तक कम हो जायेगा।
गडकरी ने राज्य सरकार से अपील की है कि मणिपुर को पेट्रोल-डीजल से मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में काम करे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मणिपुर को देश के अन्य जलमार्गों से जोड़ने पर भी काम करने की जरूरत है. बराक नदी को अगर जलमार्ग से जोड़ दिया जाये, तो प्रदेश से और के लिए सामानों का परिवहन लागत में भारी कमी की जा सकती है. गौरतलब है कि सड़क के रास्ते परिवहन में अगर 10 रुपया प्रति किमी खर्च होता है, तो रेल से 6 रुपये और जलमार्ग से 1 रुपया प्रति किमी खर्चा आता है।
हैंडलूम और हैंडिक्राफ्ट का सेंटर खोला जाना चाहिए
नितिन गडकरी ने मणिपुर में 3000 करोड़ रुपये की लागत से 13 प्रोजेक्ट्स की रखी नींव और कहा कि सरकार जल, जंगल, जानवर और आदिवासी प्रोडक्ट को बढ़ावा दे रही है. लिहाजा मणिपुर में भी हैंडलूम-हैंडिक्राफ्ट के लिए डिजाइनिंग सेंटर खोला जाना चाहिए. उच्च गुणवत्ता वाले शहद के निर्यात पर जोर दिया जा सकता है. मोदी सरकार बांस की खेती और उद्योग पर बहुत काम कर रही है. अगरबत्ती की लकड़ी का चीन से आयात पर रोक लगा दी गई है, ताकि भारत में ही इसके उत्पादन पर जोर दिया सके. मणिपुर के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने की ज़रूरत है।