बेव सीरीज से कैरियर बदलेंगे बॉबी देओल
बॉबी देओल की नये बेव सीरीज नेटफीलिक्स प्लेटफॉर्म पर
बॉबी देओल (Bobby Deol) की फ़िल्म Class of 83 Trailer रिलीज हो गया है. एस. हुसैन जैदी (S. Hussain Zaidi) की किताब क्लास ऑफ 83 पर आधारित यह फ़िल्म अंडरवर्ल्ड (Underworld) और मुंबई पुलिस के बीच एनकाउंटर (Mumbai Police Encounter) समेत 80 और 90 दशक के अपराध की दास्तां दिखाएगी।
बॉबी देओल की बेव सीरीज नेटफीलिक्स पर आ रही है।
बॉबी देओल की बॉलीवुड में वापसी हो रही है,जी हां, हीरो यानी किसी फ़िल्म में प्रमुख भूमिका में बॉबी देओल को नजर आए वर्षों हो गए हैं. अब वह नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो रही फ़िल्म क्लास ऑफ 83 में प्रमुख भूमिका में दिखने वाले हैं. शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी फिल्म क्लास ऑफ 83 नेटफ्लिक्स पर 21 अगस्त को रिलीज हो रही है, जिसका निर्देशन अतुल सबरवाल ने किया है. बॉबी देओल की पुलिस ड्रामा फ़िल्म क्लास ऑफ 83 का ट्रेलर रिलीज हो गया है. इस फ़िल्म में बॉबी देओल एक पुलिस अकैडमी के डीन की भूमिका निभा रहे हैं जो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट टीम तैयार करते हैं, जो अंडरवर्ल्ड के गुंडे का सफाया करती है. लंबे अंतराल के बाद दर्शक बॉबी देओल को इस अंदाज में देखने वाले हैं।
क्लास ऑफ 83 फ़िल्म के ट्रेलर में बॉबी देओल नासिक स्थित पुलिस अकैडमी के डीन विजय सिंह की भूमिका में काफी जंच रहे हैं. क्लास ऑफ 83 में बॉबी के साथ अनूप सोनी, जॉय सेनगुप्ता, विश्वजीत प्रधान, हितेश भोजराज, समीर परांजपे, निनाद महाजनी और पृथ्विक प्रताप जैसे कलाकार प्रमुख भूमिका में हैं. क्लास ऑफ 83 फ़िल्म के जरिये तीसरी बार शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस के साथ नेटफ्लिक्स इंडिया काम रही है. इससे पहले बार्ड ऑफ ब्लड और बेताल नाम से 2 सीरीज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है, जिसे रेड चिलीज ने प्रोड्यूस किया था. बॉबी देओल की इस फिल्म का लंबे समय से इंतजार हो रहा है, क्योंकि काफी समय के बाद दुनिया उन्हें पुलिस अधिकारी की भूमिका में देखने वाली है।
क्लास ऑफ 83 फ़िल्म हुसैन जैदी के नॉन फिक्शन नोवेल The Class of 83: The Punishers of Mumbai Police पर आधारित है, जिसमें 80 के दशक के मुंबई को दिखाया गया है. 70 और 80 के दशक में किस तरह मुंबई में अंडरवर्ल्ड का प्रभाव बढ़ा और वहां हिंसा के साथ ही आपराधिक गतिविधियों में तेजी आई. इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस के पूर्व डीजीपी अरविंद इनामदार ने पुलिसकर्मियों की एक टीम बनाई और उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग देकर मुंबई को अपराध मुक्त करने का जिम्मा सौंपा गया. फिर 1980-90 के दशक में किस तरह कुछ पुलिसकर्मियों ने अंडरवर्ल्ड के गुर्गों को ढूंढ-ढूंढकर मारा, यही कहानी है क्लास ऑफ 83 की. मुंबई में जब 1982 में मान्या सुर्वे का एनकाउंटर हुआ, उसके बाद करीम लाला, बाबू रेशिम और राजन नायर (बड़ा राजन) के बीच मुंबई पर अधिपत्य को लेकर जबरदस्त गैंगवार देखने को मिला, मुंबई की सड़के खून से रंगने लगी. उसी समय नासिक स्थित पुलिस अकैडमी से 450 पुलिसकर्मी पासआउट होते हैं, जिनमें 90 खास प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को मुंबई भेजा जाता है. इन पुलिसकर्मियों को साफ निर्देश दिया जाता है कि उन्हें मुंबई अंडरवर्ल्ड के एक-एक गुर्गे और उसके सरगना को ढूंढकर मारना है, ताकि मुंबई की जनता चैन से रह सके. उस समय हाजी मस्तान, पठान गैंग और दाउद इब्राहिम के बीच भी मुंबई पर कब्जे की कोशिश देखी जाने लगी थी।
बॉबी देओल साल 2013 के बाद फ़िल्मी दुनिया से एक तरह से गायब हो गए थे. साल 2017 में पोस्टर बॉय फ़िल्म से उनकी वापसी हुई थी, लेकिन फ़िल्म बुरी तरह फ्लॉप रही. बाद में रेस 3, यमला पगला दीवाना फिर से और हाउसफुल जैसी फ़िल्म में भी बॉबी दिखे, लेकिन इन फिल्मों में वह सह कलाकार बनकर रह गए. ऐसे में क्लास ऑफ 83 सही मायने में उनके लिए कमबैक फ़िल्म मानी जा रही है. क्लास ऑफ 83 में बॉबी देओल की बहुत सशक्त भूमिका है, जिसे वास्तविक जीवन में महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी ने मिसाल के तौर पर पेश किया है. बहुत समय से बॉबी देओल को ऐसी फ़िल्म की तलाश थी. जब नेटफ्लिक्स और रेड चिलीज ने उन्हें इस किरदार के लिए अप्रोच किया तो जैसे उनके करियर को संजीवनी मिल गई. अब 21 अगस्त को दुनिया हुसैन जैदी की किताब क्लास ऑफ 83 को फ़िल्म की शक्ल में देखेगी. क्लास ऑफ 83 में अनूप सोनी भी प्रमुख भूमिका में है. काफी समय बाद ऐसी फ़िल्म आ रही है, जिसमें हीरोइन के लिए थोड़ा भी स्पेस नहीं है।