`भारत रत्न` प्रणब मुखर्जी का निधन, अस्पताल में ली आखिरी सांस
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन, दिल्ली के अस्पताल में थे भर्ती
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे और दिल्ली के अस्पताल में भर्ती थे। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन की जानकारी ट्वीट करके दी।
अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘भारी दिल से आपको सूचित कर रहा हूं कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का आर.आर. अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे देश के लोगों की प्रार्थना के बावजूद निधन हो गया है। मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं।’
प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए। राष्ट्रपति के लिए ‘महामहिम’ शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है।’
इससे पहले, प्रणब मुखर्जी का स्वास्थ्य और खराब हो गया था। अस्पताल ने बताया था कि उनके स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा है। सेप्टिक शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं।
सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल ने बताया था कि 84 वर्षीय मुखर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वह गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर पर हैं। पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था।
अस्पताल ने एक बयान में कहा था, ‘कल से श्री प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य में गिरावट हुई है। फेफड़े में संक्रमण की वजह से उन्हें सेप्टिक आघात आया है और अभी उनका इलाज विशेषज्ञों की एक टीम कर रही है। वह अब भी गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।’ मुखर्जी 2012 से 2017 के बीच 13वें राष्ट्रपति थे।
विदेश मंत्रालय से लेकर वित्त मंत्रालय तक संभाला
प्रणब मुखर्जी का निधन, भारत रत्न मुखर्जी 25 अक्टूबर 2006 से 23 मई 2009 तक भारत के विदेश मंत्री रहे। 24 जनवरी 2009 से मई 2012 तक वह देश के वित्त मंत्री भी रहे। 20 मई 2009 को वह जंगीपुर संसदीय सीट से ही 15वीं लोकसभा के लिए दूसरी बार चुने गए। प्रणब दा ने 25 जून 2012 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और 2012 से 2017 तक भारत के 13वीं राष्ट्रपति रहे।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) का निधन हो गया है. वह लंबे समय से सेना के अस्पताल में भर्ती थे. उनकी कुछ दिन पहले ब्रेन सर्जरी हुई थी. उसके बाद से ही वह कोमा में थे. उनके निधन की सूचना देते हुए पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि भारी मन से सूचित करना पड़ रहा है कि डॉक्टरों के अथक प्रयास और लोगों की दुआओं के बावजूद मेरे पिता प्रणब मुखर्जी हमारे बीच नहीं रहे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जाहिर किया है.
इससे पहले सोमवार सुबह अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर कहा था कि प्रणब मुखर्जी की सोमवार को तबीयत और बिगड़ गई. आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल ने कहा कि फेफड़ों के संक्रमण के कारण वह सेप्टिक शॉक की स्थिति में चले गए थे. मुखर्जी पिछले 21 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. ब्रेन सर्जरी के बाद से ही उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी।
राजनीति के ‘दादा’
1969 पहली बार राज्यसभा सदस्य
1973 इंदिरा गांधी सरकार में उप मंत्री
1975 दूसरी बार राज्यसभा सांसद
1981 तीसरी बार राज्यसभा सांसद
1984 इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री
1984 सर्वे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री
1991 योजना आयोग के उपाध्यक्ष
1993 चौथी बार राज्यसभा सांसद
1995 नरसिम्हा राव सरकार में विदेश मंत्री
1999 पांचवी बार राज्यसभा सांसद
2004 पहली बार लोकसभा सांसद
2004 यूपीए-1 सरकार में रक्षा मंत्री
2006 यूपीए-1 सरकार में विदेश मंत्री
2009 यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री
2012 भारत के 13वें राष्ट्रपति बने
2017 राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म
प्रणब दा को सम्मान
भारत रत्न 2019
पद्म विभूषण 2008
सर्वश्रेष्ठ सांसद 1997
सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री 1984
राजनीतिक सफर
पहली बार राज्यसभा सांसद 1969
पहली बार केंद्रीय मंत्री 1973
पहली बार कैबिनेट मंत्री 1984
पहली बार लोकसभा सांसद 2004