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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन के साथ डिजिटल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन

भारत व डेनमार्क के बीच 400 साल पुराना ऐतिहासिक और करीब 70 साल पुराना राजनयिक संबंध है। इन्ही संबंधों को आगे बढ़ाते हुए सोमवार को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन हुआ…इस सम्मेलन में donon deshon दोनों देशों ने संबंधों को ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप पर ले जाने का  संकल्प जताया..साथ ही पीएम मोदी ने INDIA DENMARK ENERGY PARK , INDIA DENMARK SKILL INSTITUTE भी प्रस्तावित किया..

 

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मैटे फ्रेडरिकसन के बीच सोमवार को वर्चुअल शिखर बैठक हुई… इस अवसर पर जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर भारत के साथ हाथ मिलाते हुए डेनमार्क  अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हो गया है .. द्विपक्षीय शिखर बैठक के उद्घाटन संबोधन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कोरोना काल की चुनौतियों के बीच समान सोच वाले देशों के साथ आने के महत्व को रेखांकित किया

इसी सन्दर्भ में प्रधानमंत्री ने वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं का एक ही स्रोत पर निर्भर होने के ख़तरे को देखते हुए इस दिशा में भारत द्वारा की जा रही पहल का ज़िक्र करते हुए अन्य देशों से भी साथ जुड़ने का आह्वान किया

वहीं डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच 400 साल पुराने ऐतिहासिक रिश्तों की बात करते हुए उमीद जताई की कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करते हुए अपने लोगों के लिए बेहतर भविष्य बना पाएँगे

इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया डेनमार्क एनर्जी पार्क, इंडिया डेनमार्क स्किल इन्स्टिट्यूट बनाने का भी प्रस्ताव किया ताकि डेनमार्क की भारत में काम कर रही कंपनियों को कुशल कामगार मिलं सकें..दोनों देश मेक इन इंडिया के तहत अपना सहयोग बढ़ाएंगे..वहीं पराली की समस्या से निपटने में भी डेनमार्क की कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ काम करेंगी

द्विपक्षीय वार्ता के दौरान किम डेवी के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई भारतीय एजेंसियों द्वारा कथित आतंकवादी गतिविधियों में और 90 के दशक में पुरुलिया हथियार मामले में भूमिका के लिए डेवी की मांग की गई है

हाल के वर्षों में भारत और डेनमार्क के वीच व्यापार बढ़ा है.. दोनों देशों के बीच माल और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार 2016 में दो अरब 82 करोड़ डॉलर था जो 30 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2019 में तीन अरब 68 करोड़ डॉलर हो गया। डेनमार्क की करीब दो सौ कम्पनियों ने भारत में जहाजरानी, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और स्मार्ट शहरों के विकास के क्षेत्र में निवेश किया है। डेनमार्क की कईं प्रमुख कम्पनियों ने मेक इन इंडिया पहल के तहत कईं विनिर्माण कारखाने लगाए हैं। भारत की करीब 25 कम्पनियों ने सूचना प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डेनमार्क में निवेश कर रखा है। उम्मीद है कि कोरोना की चुनौतियों के बीच दोनों देशों का सहयोग रिश्तों को और प्रगाढ़ करेगा।

सोर्स डी डी न्यूज