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कोरोना के ड्राई रन को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यों के साथ की अहम बैठक

कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन से पहले केंद्र सरकार ने आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में तैयारियों पर अहम चर्चा की। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में 30 वैक्सीन बन रही है, जिसमें से 7 का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और 2 के आपातकालीन इस्तेमाल का अप्रूवल दिया जा चुका है।

 

कोरोना को लेकर 8 जनवरी को देश में होने वाले ड्राई रन की तैयारियों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि भारत में 30 वैक्सीन बन रही है, जिसमें से 7 का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और 2 के आपातकालीन इस्तेमाल का अप्रूवल दिया जा चुका है।

29 दिसंबर को ड्राई रन 4 राज्यों के 7 जिलों में किया गया था, जिसके आधार पर डेढ़ सौ पन्नों की गाइड लाइन बनाकर पूरे देश के स्थानीय प्रशासन को दी गई है.. इसी के बाद 2 दिसंबर को सभी राज्यों के 125 जिलों में ड्राई रन चलाया गया.. जिसमें 285 स्थानों को चुना गया था। महाराष्ट, छत्तीसगढ़ और केरल में करोना के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। लिहाजा वैक्सीन की तैयारियों के बीच कोविड-19 के संक्रमण को रोकना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

कोवैक्स और कोविशील्ड के वितरण के लिए 4 महीने पहले ही डॉ बीके पाल सदस्य नीति आयोग की अध्यक्षता में एक्सपर्ट ग्रुप का गठन किया गया था , इसी की जिम्मेवारी है कि आखरी व्यक्ति और आखरी किलोमीटर तक वैक्सीन पहुंचाई जाए। इसमें 5 राज्यों के एक्सपर्ट प्रतिनिधि और अन्य महत्वपूर्ण सदस्य भी शामिल है।

वैक्सीन के उत्पादन क्षमता के आधार पर पूरे देश को एक साथ टीकाकरण करना संभव नहीं है ,इसलिए हमने प्राथमिकता के आधार पर समूह का चयन किया है जिसमें निजी और सरकारी क्षेत्रों के अस्पतालों में काम करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर, पुलिस और सैनिक बल ,होमगार्ड सिविल डिफेंस, मुंसिपल और डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े हुए वॉलिंटियर और अन्य बल शामिल है।

इसके बाद 50 साल से अधिक आयु के व्यक्ति और कई बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति जिनकी संख्या तकरीबन 27 करोड़ है उन्हें वैक्सीन दी जाएगी। कोल्ड स्टोरेज व्यवस्था के लिए सभी संसाधनों को जुटाया गया है.. ट्रेनिंग का कार्यक्रम भी अपने अंतिम दौर में है। हम राज्य प्रशासन और स्थानीय प्रशासन से भी अपील करते हैं कि जिस भी ट्रेनिंग की आवश्यकता हो वह समय पर पूरा कर लिया जाए..2.3 लाख स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को इससे जोड़ा जाएगा।

महामारी के दौर में भी पल्स पोलियो अभियान चलता रहेगा। जबकि जनवरी 2011 से भारत में कोई केस नहीं मिला है ,इसके बावजूद पड़ोस के 2 देशों में 123 पल्स पोलियो के मामले आ चुके हैं..इसीलिए 17 जनवरी को यह देशव्यापी अभियान पल्स पोलियो के लिए चलाया जाएगा। byddnews