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कोरोना से लड़ाई के लिए केंद्र ने दी राज्यों को बड़ी आर्थिक मदद

कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए मोदी सरकार ने राज्यों को और सक्षम बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला करते हुए राज्यों को ये अनुमति दे दी है कि वो राज्य आपदा प्रबंधन कोष में से 50 फ़ीसदी हिस्सा कोरोना महामारी से निपटने के उपायों पर ख़र्च कर सकते हैं। केंद्र के इस फ़ैसले से राज्यों की संसाधन जुटाने की चिंता ख़त्म होगी तो वो संक्रमण रोकने के प्रभावी उपायों पर और ज्यादा फोकस कर सकेंगे। मौजूदा वित्तीय वर्ष यानी साल 2020-21 में राज्यों को एसडीआरएफ में से 50 फ़ीसदी राशि कोरोना महामारी से निपटने के उपायों पर खर्च करने की अनुमति मिल गई है।

 

राज्यों को मिला और ज्यादा संसाधन –

ताज़ा आदेश के जरिए राज्यों को क्वारंटाइन सेंटर बनाने और वहां सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए और मदद मिल सकेगी। इसमें सेंटर पर  रहने वाले लोगों के खाने और मेडिकल जैसी व्यवस्थायें भी शामिल हैं।  इसके अलावा सैंपल कलेक्शन, स्क्रीनिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जैसे मदों पर राज्यों द्वारा खर्च की गई राशि की भरपाई भी एसडीआरएफ के जरिए हो सकेगी।

वेंटिलेटर जैसी ज़रूरी उपकरणों की खरीद के लिए भी अतिरिक्त मदद –

गृह मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक महामारी से निपटने के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद और अतिरिक्त टेस्टिंग लैब की स्थापना में हुए खर्च के लिए भी एसडीआरएफ से भरपाई हो सकेगी। इसमें वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट, पीपीई किट, एम्बुलेंस, एयर प्यूरीफायर और थर्मल स्कैनर पर किए गए खर्च शामिल हैं। राज्यों को कन्टेनमेंट जोन की स्थापना, कोविड-19 अस्पताल और कोविड केयर सेंटर बनाने में होने वाले ख़र्च के लिए भी राज्य आपदा राहत कोष से मदद मिल सकेगी। हालांकि राज्य सभी मदों को मिलाकर एसडीआरएफ के सालाना बजट का 50 फ़ीसदी से ज़्यादा क्लेम नहीं कर सकते हैं।

कोरोना से लड़ाई में राज्यों को पर्याप्त मदद –

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा प्रबंधन कोष के तहत राज्यों को एडवांस में ही यानी अप्रैल महीने में ही 11,092 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी थी। गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्यों से कहा है कि कोरोना से मुकाबले में धन की कमी कभी आड़े नहीं आएगी।

सोर्स डी डी न्यूज

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