गृह मंत्रालय ने राज्यों को दुष्कर्म से जुड़े मामलों की जांच दो महीने के अंदर निपटाने के निर्देश दिए
गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दुष्कर्म मामले में घटना की रिपोर्ट के दो महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में अनिवार्य कदम उठाने में पुलिस की विफलता की जांच की जाएगी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी नये परामर्श में यौन अपराधों में मामले की जांच पर नजर रखने को भी कहा है ताकि आरोप पत्र पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। गृह मंत्रालय ने कहा कि आपराधिक दंड संहिता के अंतर्गत संज्ञेय अपराधों के मामले में एफआईआर अनिवार्य रूप से दर्ज होनी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि पुलिस थाने के कार्यक्षेत्र से बाहर संज्ञेय अपराध घटित होने की सूचना मिलने पर भी कानून पुलिस को एफआईआर या जीरो एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देता है। महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपराध भी ऐसे संज्ञेय अपराधों में आते हैं।
सोर्स डी डी न्यूज