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जीएसटी कलेक्शन में 11 प्रतिशत की वृद्धि

कोरोना के असर के चलते अर्थव्यवस्था की रफ्तार में जो कमी आई थी वो फिर से वापस तेजी की ओर लौटने लगी है. अक्टूबर महीने में बीते साल के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन में 11 फीसदी को बढोतरी देखी गई है, तो कई अन्य संकेतक भी आर्थिक गतिविधियों को वापस पटरी पर लौटने के साफ संकेत दे रहे है. बीते दिनों पीएम मोदी ने भी भारत के 2024 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने की बात को फिर से दोहराया था.

 

कोरोना के चलते देश दुनिया की अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान पहुंचा है, लेकिन भारत में बीते कुछ महीनों में अनलॉक के बाद से जिस तरह से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है, उससे देश की अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौटने के साफ संकेत मिल रहे हैं. अक्टूबर महीने में देश में जीएसटी संग्रह का आंकड़ा 1 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है और ये 1 लाख 5 हजार करोड़ से भी ज्यादा रहा है.

इतना ही नहीं देश के अधिकांश राज्यों में जीएसटी संग्रह बढ़ा है. कोरोना संकट की दस्तक के समय फरवरी 2020 में भारत में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार रहा था लेकिन उसके बाद से लगातार आर्थिक गतिविधियां ठप होने से ये आंकड़ा कम होता गया लेकिन सितम्बर महीने में पिछले साल की तुलना में जीएसटी कलेक्शन में इजाफा देखने को मिला और अक्टूबर 2020 में इसमें पिछली साल की अपेक्षा 11 फीसदी की बढोतरी देखी गई है.

वित्त मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2020 में जीएसटी राजस्‍व संग्रह 1,05,155 करोड़ रुपये का हुआ है, जिसमें सीजीएसटी 19,193 करोड़ रुपये रहा है तो वही एसजीएसटी 25,411 करोड़ रुपये रहा है. इस दौरान आईजीएसटी के रूप में 52,540 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई है तो सेस के रूप में 8,011 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण हुआ है. अक्टूबर महीने तक दाखिल जीएसटीआर-3बी रिटर्न की कुल संख्‍या 80 लाख के पार पहुंच गई है.

जीएसटी कलेक्शन में उछाल केंद्र सरकार के लिए बेहद अच्छी खबर है क्योंकि केन्द्र सरकार को राज्यों की 2.35 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी भरपाई के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये का लोन लेना है, और पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने 16 राज्यों एवं दो केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की पहली किस्त के रूप में आरबीआई से कर्ज लेकर 6,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. जीएसटी लागू होने के समय केन्द्र ने 5 वर्षों तक राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई का वादा किया था जिसके तहत केन्द्र सरकार ने राज्यों को ये पैसे दिये हैं.

अक्टूबर महीने में बढ़ा महज़ जीएसटी कलेक्शन ही नहीं बल्कि कई अन्य संकेतकों से अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के संकेत मिल रहे है.

कोर सेक्टर की सभी आठ प्रकार की इन्डस्ट्री में उछाल देखा जा रहा है, जिसके चलते बिजली की मांग, स्टील उत्पादन, कोयला उत्पादन सभी में उछाल देखा जा रहा है. सितंबर महीने में निर्यात में भी 5 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गई है, उत्पादन के मोर्चे पर पीएमआई इंडेक्स में सितंबर महीने में अप्रैल के मुकाबले करीब 57 फीसदी का उछाल आया है, सर्विस सेक्टर में भी अप्रैल के मुकाबले सितंबर में करीब 50 फीसदी की बढोतरी देखी गई है. ई-बे बिल में सिंतबर में करीब 7 फीसदी की बढोतेतरी दर्ज की गई है. ग्रामीण भारत में भी सितंबर में जबरदस्त मांग देखी जा रही है, जिसके चलते ट्रैक्टर की खऱीद में अप्रैल के मुकाबले करीब 75 फीसदी की बढोतरी देखी गई है तो वही देश में यात्री वाहनों की खरीद में भी बीते महीने जबरदस्त उछाल आया है.

बीते दिनों एक अखबार को दिये इन्टरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस बात को साफ तौर पर स्वीकार किया था कि देश की आर्थिक गतिविधियां तेजी से सुधार की ओर अग्रसर है और उन्हें इस बात का भरोसा है कि भारत साल 2024 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता रखता है.सोर्स डी डी न्यूज