नीतिगत दरों को 4 प्रतिशत के स्तर पर बरकरार रखने का फैसलाः आरबीआई
भारतीय रिवर्ज बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा है कि मौद्रिक नीति समिति ने बैंकों की नीतिगत दरों को चार प्रतिशत के स्तर पर बरकरार रखने का सर्वसम्मति से फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी को सवा चार प्रतिशत और रिवर्स रेपोरेट को तीन दशमलव तीन-पांच प्रतिशत के स्तर पर यथावत रखा गया है।
आरबीआई गर्वनर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति का विचार था कि मुद्रास्फीति की दर के फिलहाल उच्च स्तर पर बने रहने की संभावना है, हालांकि खरीफ की भरपूर फसल की संभावना को देखते हुए, जल्द खराब होने वाली वस्तुओं की कीमतों में सर्दी के मौसम के दौरान कमी आ सकती है।
रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मौटे तौर पर सुधार के संकेत नहीं है लेकिन इसके लिए लगातार नीतिगत सहायता देना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि 2020-21 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद विकास-दर ऋणात्मक स्तर पर साढ़े सात प्रतिशत रहने की संभावना है।
आरबीआई गर्वनर ने कहा कि ग्रामीण मांग में सुधार से अर्थव्यवस्था और सुदृढ़ होगी जबकि शहरी मांग ने पहले ही जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण कंपनियों के कारोबारी माहौल में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा है कि निजी निवेश अब भी कम है और क्षमता के उपयोग में गिरावट से पूरी तरह उबरना अभी बाकी है।
भारतीय रिवर्ज बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि सप्लाई-चेन में व्यवधान की वजह से उत्पन्न मुद्रास्फीति के कुचक्र को तोड़ने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपूर्ति में बाधाओं के कारण जो मुद्रास्फीति पैदा हुई है उसे कम करने के लिए और अधिक प्रयास आवश्यक हैं। आरबीआई गर्वनर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता बनाए रखने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है और इसके लिए जो कुछ भी संभव होगा, करेगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया कि अर्थव्यवस्था में संकुचन दूर होने लगा है और बाजार में निवेश का प्रवाह बढ़ रहा है।
आरबीआई गर्वनर ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप के समूचे दौर में रिजर्व बैंक ने महामारी से निपटने के लिए डटकर कदम उठाये ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका दुष्प्रभाव कम से कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है और इसके लिए जो भी बन पड़ेगा करेगा, उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने के लिए उचित समय पर विभिन्न उपाय किए जाएंगे।सोर्स डी डीी