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पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने की सीईओ फोरम की दूसरी बैठक की अध्यक्षता

जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के मकसद से राजधानी दिल्ली में इंडिया सीईओ फोरम की वर्चुअल बैठक बुलाई गई। इसमें सीमेंट, स्टील, ऊर्जा, फार्मा सहित अन्य क्षेत्रों की कंपनियों के सीईओ ने भाग लिया। इसकी अध्यक्षता पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की। इस बैठक के बाद कंपनियों ने 2020 से जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए ।

 

जलवायु परिवर्तन पर भारतीय रणनीति को और मजबूत करने के मकसद से भारतीय कंपनियों के सीईओ ने वर्चुअल मीटिंग में तय किया है कि जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के लिए भारत की तरफ से जो लक्ष्य तय किये गए है उनमें भारतीय कंपनियां पूरा सहयोग देंगी। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भारतीय कंपनियों से आह्वान किया कि वे जलवायु परिवर्तन से मुकाबले में सहयोग दे।

पर्यावरण मंत्री ने यह भी कहा कि सभी climate action की कीमत होती है। डिजास्टर से मुनाफा नही लिया जाना चाहिए। कार्बन सिंक बढ़ाने के लिए हमारा ग्रीन कवर 15000 स्क्वायर किलो मीटर बढ़ा है। उत्सर्जन काम करने के लिए वाहनों के BS 6 जरूरी किया गया है। 175 गिगवाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को तय किया गया है।भारत मे 21 फीसदी कार्बन उत्सर्जन में गिरावट हुई है।

इंडिया सीइओ समिट में भारतीय सीमेंट, स्टील, ऊर्जा और फार्मा क्षेत्र के सीईओ ने भाग लिया। इस मौके पर सभी कंपनियों के सीईओ ने अपने विचार व्यक्त किये।

निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए इस तरह की दूसरी सीईओ से बैठक हुई। पेरिस समझौते के तहत भारत ने NDC तय किया है। जिसके अनुसार 2030 तक कार्बन उत्सर्जन 35 फीसदी तक कम करना है। 2030 तक 40 फीसदी बिजली गैर जीवाश्म ईंधन से पैदा  करना है। कार्बन सिंक को 2.5 से 3 मिलियन टन बढ़ाना है।सोर्स डी डी न्यूज