पीएम स्वनिधि योजना के तहत अब तक 7.85 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत हुए
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के एक हिस्से के रूप में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने पीएम स्वनिधि पोर्टल और एसबीआई पोर्टल के बीच एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) लांच किया।
यह एकीकरण दोनों पोर्टलों अर्थात पीएम स्वनिधि पोर्टल और एसबीआई के ई-मुद्रा पोर्टल के बीच सुरक्षित माहौल में डेटा के निर्बाध प्रवाह की सुविधा प्रदान करेगा और ऋण स्वीकृति तथा वितरण प्रकिया में तेजी लाएगा, जिससे इस योजना के तहत कार्यपूजी ऋण प्राप्त करने के इच्छुक स्ट्रीट वेंडरों को लाभ मिलेगा। मंत्रालय अन्य बैंकों के साथ भी इसी तरह के एकीकरण का पता लगाएगा, जिसके लिए एक परामर्श बैठक जल्दी ही आयोजित की जाएगी। मंत्रालय ने स्ट्रीट वेंडरों को अपनी आजीविका दोबारा शुरू करने के लिए सस्ता कार्य पूंजी ऋण उपलब्ध कराने के लिए 01 जून, 2020 से पीएम स्वनिधि योजना लागू की है। ये वेंडर कोविड-19 लॉकडाउन के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
इस योजना का लक्ष्य उन 50 लाख से अधिक वेंडरों को लाभान्वित करने का है, जो 24 मार्च, 2020 से पहले शहरों के इर्द-गिर्द/ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहरी क्षेत्रों में सामान बेच रहे थे। इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स 10,000 रुपए तक का कार्यपूंजी ऋण प्राप्त कर सकते हैं, जिसका भुगतान एक वर्ष की अवधि में मासिक किस्तों में देय होगा। ऋण के समय/जल्दी पुनर्भुगतान पर 7 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी, जो तिमाही आधार पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण द्वारा लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। ऋण का पुनर्भुगतान शीघ्र करने पर कोई जुर्माना नहीं होगा।
यह योजना 1,200 रुपये प्रति वर्ष की राशि तक कैश-बैक प्रोत्साहन के माध्यम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देती है। वेंडर ऋण के समय पर/जल्दी पुनर्भुगतान पर बढ़ी हुई क्रेडिट सीमा की सुविधा का लाभ उठाकर आर्थिक सीढ़ी पर चढ़ने की अपनी इच्छा को पूरा कर सकते हैं। 6 अक्टूबर, 2020 के अनुसार पीएम स्वनिधि योजना के तहत 20.50 लाख से अधिक ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 7.85 लाख से अधिक ऋण मंजूर किए गए हैं और 2.40 लाख से अधिक ऋण वितरित किए गए हैं।
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