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प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने और जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने उठाए कड़े कदम

लगातार चढ़ते प्याज के दामों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 23 अक्टूबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक के लिए प्याज पर स्टॉक सीमा लागू कर दी गई है। यह सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 25 मिट्रिक टन और खुदरा विक्रेताओं के लिए 2 मिट्रिक टन रखी गई है।

 

केंद्र सरकार ने प्याज़ की कीमत और इसकी उपलब्धता को नियंत्रित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत 23 अक्टूबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक के लिए प्याज पर स्टॉक सीमा लागू कर दी गई है। यह सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 25 मिट्रिक टन और खुदरा विक्रेताओं के लिए 2 मिट्रिक टन रखी गई है। सरकार की तरफ से प्याज की जमाखोरी को रोकने के लिए ये कदम उठाए गए है। साथ ही केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों को उनकी जरूरत के हिसाब से प्याज की आपूर्ति भी की है।

दरअसल सितंबर के दूसरे हफ्ते से प्याज की कीमतों में तेजी देखी गई है। इसी को काबू में करने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

सरकार ने पहली बार प्याज की बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए 1 लाख मीट्रिक टन प्याज का बफर स्टॉक बनाया है। इसके साथ ही सरकार ने बफर स्टॉक से प्याज को निकालकर बाजार में उपलब्ध कराने के लिए भी कदम उठाए हैं।सोर्स डी डी न्यूज

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