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प्रधानमंत्री ने पीठासीन अधिकारियों के अखिल भारतीय सम्‍मेलन के समापन सत्र को किया संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत अब आतंकवाद से निपटने के लिए नई नीतियां अपना रहा है। गुजरात के केवडिया में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत 26/11 आतंकी हमले के घावों को नहीं भूल सकता।

 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादियों ने इस दिन 2008 में मुंबई पर हमला किया था जिसमें विदेशी नागरिकों और पुलिसकर्मियों सहित कई लोगों की जान गई थी। प्रधानमंत्री ने उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी।

पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान की कई विशेषताएं हैं, लेकिन इन सब में एक खास विशेषता कर्तव्यों के महत्व की है। उन्होंने कहा कि गांधी जी मानते थे कि अधिकारों और कर्तव्यों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं और इसलिए जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे तो अधिकार स्वतः ही सुरक्षित हो जाएंगे।

इस दो दिवसीय सम्‍मेलन का राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कल उद्घाटन किया था। सम्‍मेलन मे उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित कई लोग उपस्थित हैं।

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के आयोजन की शुरूआत 1921 में की गई थी। इस साल इसका शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय – विधायिका, कार्यकारी और न्यायपालिका के बीच सामंजस्यपूर्ण समन्वय – एक जीवंत लोकतंत्र की कुंजी है।byddnews