बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के दूसरे व तीसरे चरण को कैबिनेट की मंज़ूरी
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की गुरुवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिसमें बांधों की सुरक्षा से लेकर कृषि से जुड़े विषयों पर फैसले शामिल हैं.
देशभर में बांधों की सुरक्षा और रखरखाव की दिशा एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,211 करोड़ रुपये की लागत से बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना, DRIP, के दूसरे और तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है. इस देशव्यापी परियोजना की अवधि अप्रैल, 2021 से मार्च 2031, यानि दस साल की होगी और 19 राज्यों के 736 बांधों को इसके तहत कवर किया जाएगा. इससे पहले 2012 से 2020 तक चले ड्रिप परियोजना के पहले चरण में 7 राज्यों के 223 बांधों को कवर किया गया था.
गौरतलब है कि बड़े बांधों की संख्या के मामले में चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे नंबर पर है और यहां 5,334 बड़े बांध हैं. इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा बांध 25 साल से अधिक पुराने हैं, जिनकी सुरक्षा और रखरखाव बेहद महत्वपूर्ण है. एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा इथेनॉल की खरीद के लिए नई व्यवस्था को मंजूरी दे दी. साथ ही गन्ना किसानों और गन्ना मिलों को लाभ पहुंचाने के लिए इथेनॉल की कीमत भी बढ़ा दी गई है.
इसके अलावा एक अन्य फैसले में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सौ फीसदी खाद्यान्न और 20 फीसदी शक्कर जूट के थैलों में पैक किया जाना अनिवार्य कर दिया है. जूट पैकेजिंग को बढ़ावा देने से संबंधित इस निर्णय से आने वाले समय में जूट की खेती को बढ़ावा मिलेगा. गौरतलब है कि देश में 4 लाख से अधिक किसान जूट की खेती से जुड़े हैं.सोर्स डी डी न्यूज