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भारतीय वायुसेना मे शामिल होगा राफेल

आज भारतीय वायुसेना में शामिल होगा राफेल, फ्रांस के रक्षा मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगे

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि समारोह में भाग लेने के लिए फ्रांस की महिला रक्षा मंत्री बृहस्पतिवार सुबह ही भारत पहुंचेंगी और दोपहर बाद वापस अपने देश लौट जाएंगी।  फ्रांस में निर्मित पांच राफेल लड़ाकू जेट विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल करने की औपचारिकताएं आज पूरी की जाएंगी। इसके लिए अंबाला एयरबेस पर आयोजित औपचारिक समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले और भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। अधिकारियों ने बताया कि इस समारोह के बाद सिंह और पार्ल अंबाला में ही द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सेदारी करेंगे, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच रक्षा व सुरक्षा सहयोग को और ज्यादा मजबूत करना है। इस समारोह के साथ ही वायुसेना में पिछले 23 साल के दौरान पहली बार नए विमान शामिल होंगे। आखिरी बार 1997 में रूस से सुखोई जेट विमानों की खरीद की गई थी।
पांच राफेल जेट विमानों का पहला बैच इसी साल 29 जुलाई को भारत पहुंच गया था। पहले बैच का आगमन 2016में भारत की तरफ से 59 हजार करोड़ रुपये में 36 विमानों की खरीद का अंतर सरकारी समझौता फ्रांस की सरकार के साथ करने के करीबी चार साल बाद हुआ है। इन 36 विमानों में से 30 लड़ाकू क्षमता वाले हैं, जबकि 6 दोहरी सीट वाले ट्रेनिंग विमान हैं। हालांकि आवश्यकता पड़ने पर इन ट्रेनिंग विमानों को भी युद्ध के मैदान में उतारने के लिए हर क्षमता से लैस किया गया है।
फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल विमान को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल करने की औपचारिकताएं अभी तक पूरी नहीं की गई थीं। कंपनी ने भारतीय
वायुसेना को पहले बैच में 10 राफेल विमानों की डिलीवरी दी थी, जिनमें से 5 को भारतीय पायलटों की ट्रेनिंग के लिए फिलहाल फ्रांस में ही रखा गया है। राफेल विमानों के पहले स्क्वाड्रन को अंबाला एयरबेस पर, जबकि दूसरे स्क्वाड्रन को पश्चिमी बंगाल के हासिमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।

पांच विमान नवंबर में मिलेंगे, 36 विमानों की और खरीद पर बात
सूत्रों का कहना है कि पांच राफेल विमानों का दूसरा बैच इसी साल नवंबर में भारत पहुंचने की संभावना है। सभी 36 विमानों की डिलीवरी 2021 के अंत तक हो जानी है। सूत्रों ने यह भी बताया कि चीन और पाकिस्तान के साथ लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए सरकार ने 36 राफेल विमानों के एक और बैच की खरीद की तैयारी चालू कर दी है। अंबाला में पार्ले और राजनाथ के बीच वार्ता में सबसे अहम मुद्दा इन विमानों की खरीद का ही है।

भावनात्मक होगा वायुसेना के लिए पल
राफेल विमानों की नई फ्लीट उस 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा होगी, जिसे पिछले साल 10 सितंबर को दोबारा सक्रिय किया गया था। यह स्क्वाड्रन वास्तव में एक अक्तूबर, 1951 को पहली बार अंबाला एयरबेस पर ही गठित की गई थी। गठन के बाद 1955 में अपने पहले जेट फाइटर विमान द लीजेंडरी डि हाविलैंड वैंपायर को हासिल करने वाली 17 स्क्वाड्रन ने पिछले कई दशक के दौरान बहुत सारे तमगे देश की सुरक्षा में काम करते हुए हासिल किए हैं। इसके चलते भारतीय वायुसेना के लिए इस स्क्वाड्रन में राफेल विमान का शामिल होना एक भावनात्मक पल जैसा अहसास होगा।