भारत और अमेरिका के बीच ‘2+2’ वार्ता में दोनों देशों ने आपसी सहयोग को और आगे बढ़ाने का लिया संकल्प
भारत और अमेरिका ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता किया जिससे अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, उपग्रह के गोपनीय डाटा और दोनों देशों के बीच अहम सूचना साझा करने की अनुमति होगी।
‘टू प्लस टू’ संवाद के तीसरे चरण के दौरान ‘बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट’ यानि बेका पर दोनों रणनीतिक भागीदारों के बीच दस्तखत ने द्विपक्षीय रक्षा और सैन्य संबंधों को आगे और प्रगाढ़ करने का संकेत दिया है। दोनों देशों के बीच परमाणु सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी बात हुई और इससे संबंधित एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। यह समझौते ऐसे वक्त पर हुए हैं जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध चल रहा है जिसे लेकर अमेरिका भारत के साथ खड़ा नज़र आया।
मंगलवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में जब भारत और अमेरिका के बीच ‘2+2’ मंत्री स्तरीय बैठक हुई तो दोनों देशों ने आपसी सहयोग को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। टू प्लस टू बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने भारतीय समकक्षों एस. जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ अहम मुद्दों पर बातचीत की। इस वार्ता में आपसी सहयोग , द्विपक्षीय मुद्दों , रक्षा सहयोग आर्थिक मसलों , हिंद प्रशांत और तमाम वैश्विक मुद्दों पर बात हुई । चर्चा में अहम मुद्दा कोविड-19 सहयोग का रहा जिसमें मुख्य जोर वैक्सीन और परीक्षण पर है जिससे स्थिति सामान्य हो सकती हैं । बैठक में दोनों देशों की ओर से पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जिसमें सबसे अहम BECA समझौता यानी बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन अग्रीमेंट है । इस समझौते के बाद भारत-अमेरिका के बीच सूचनाओं को आसानी से साझा किया जा सकेगा। रक्षा मंत्री ने इस समझौते को बेहद अहम बताया ।
बैठक के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राजनाथ सिंह ने संयुक्त बयान जारी किया। दोनों देशों ने माना कि बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर भारत-अमेरिका की साझेदारी क्षेत्र और दुनिया की सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। अमेरिका विदेश मंत्री पोंपियो और रक्षा मंत्री एस्पर दोनों ने चीन पर निशाना साधा और कहा कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है ।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमेरिका के साथ सैन्य स्तर का हमारा सहयोग बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है, रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान की गई है। भारत की ओर से कहा गया दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा तालमेल में वृद्धि हुई है । भारत ने ये भी साफ किया कि सीमा पार आतंकवाद पूरी तरह से अस्वीकार्य है। बैठक में एक प्रमुख मुद्दा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र का रहा और दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और शांति के लिए प्रतिबद्धता जतायी ।
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन भी दोहराया। अमेरिका ने कहा कि अमेरिका भारत को एक बहुपक्षीय साझेदार के रूप में महत्व देता है। जिसमें अफगान शांति वार्ता सहित संयुक्त राष्ट्र में भारत के अस्थायी सदस्यके रूप में काम करने सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग शामिल हैं।
बाद में अमेरिका रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की । इस बैठक में भारत- अमेरिका सहयोग के विभिन्न पक्षों पर बात हुई ।
टू प्लस टू वार्ता से अलग अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोवाल से भी मुलाक़ात की। बैठक में भारत और अमेरिका ने वैश्विक रूप से सुरक्षित वातावरण बनाने परजोर दिया। अमेरिका के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी।
आज की वार्ता दुनिया के मौजूदा हालात में दो महान लोकतंत्रों के करीब आने का उदाहरण है और ये न केवल दोनों देशों के संबंधों के लिहाज से अहम है बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भी जरुरी मानी जा रही है । पिछले कुछ सालों में भारत- अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध लगातार बढ़े हैं. और अब दोनों देश क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में कंधे से कंधा मिलाकर चलरहे हैं ।सोर्स डी डी न्यूज