मॉनसून सत्र में लोक सभा की कार्य उत्पादकता 167 प्रतिशत रही
कोरोना महामारी के बीच हुए संसद के ऐतिहासिक मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में रिकॉर्ड कामकाज हुआ है. कार्य उत्पादकता से लेकर विधायी कार्य निपटने तक, और अहम सवालों के जवाबों से लेकर डिजिटल कामकाज तक निचले सदन ने बीते सत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किया है.
लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि मॉनसून सत्र में लोक सभा की कार्य उत्पादकता 167 प्रतिशत रही. निर्धारित कुल 37 घंटों की तुलना में कुल 60 घंटे की कार्यवाही संपन्न हुई। 16 नए विधेयकों सहित सदन में 25 विधेयक पारित हुए. सरकार ने 2300 अतारांकित सवालों के जवाब सदन के पटल पर रखे. निर्धारित 5 घंटे के बजाय शून्यकाल 10 घंटे चला. स्पीकर ने कहा कि कृषि विधेयकों सहित तमाम विषयों पर विपक्ष को भी पर्याप्त तरीके से अपनी बात कहने का मौका मिला. एक सवाल के जवाब में स्पीकर ने राज्यसभा के उप सभापति के साथ उच्च सदन में हुए दुर्व्यवहार की घटना को लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
स्पीकर ने ये भी बताया कि नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. करीब 892 करोड़ की लागत से नया और अत्याधुनिक संसद भवन 21 महीने में बनकर तैयार होगा. वर्तमान परिस्थितियों के कारण इस बार सदन के साथ-साथ पूरे संसद भवन परिसर में संक्रमण से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। देश के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि दोनों ही सदनों के सांसदों ने, दोनों ही सभा कक्षों सहित छह अलग-अलग स्थानों से सदन की कार्यवाही में भाग लिया। सत्र के दौरान 8700 कोरोना टेस्ट हुए. सदन का 90 फीसदी कामकाज डिजिटल तरीके से हुआ.
ज़रूरी कामकाज समय से निपटाए जाएं, इसके लिए सदन की बैठक शनिवार और रविवार को भी हुई. एक तरह से महामारी के दौरान भी संसद में जिस तरह कामकाज हुआ है, इससे ये बात एक बार फिर साबित हुई है कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें बेहद मजबूत हैं
सोर्स डी डी न्यूज