रक्षा अधिग्रहण परिषद ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 को दी मंजूरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को एक नयी रक्षा खरीद प्रक्रिया को जारी किया जिसमें स्वदेशी उत्पादन बढ़ाने और भारत को शस्त्रों तथा सैन्य प्लेटफॉर्म के वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाने पर ध्यान दिया गया है। इसमें एफडीआई को बढ़ावा देने के प्रावधान भी शामिल हैं और ऑफसेट दिशानिर्देशों में भी बदलाव किये गये हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि डीएपी को सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पहल के अनुरूप तैयार किया गया है।
इस बीच रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को 2,290 करोड़ रुपये के हथियार एवं सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी, जिसमें अमेरिका से करीब 72,000 सिग सॉअर असॉल्ट राइफलों की खरीद शामिल है।
सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 को मंजूरी दी। 2016 की रक्षा खरीद प्रक्रिया के चार साल बाद इस नीति में मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर भारत को ध्यान में रखते हुए रक्षा साजो सामान की ख़रीद के लिए विस्तृत प्रक्रिया तैयार की गई है। इस नई नीति में सेनाओं के लिये देश में ही सैनिक साज सामान के उत्पादन को बढ़ावा दिया गया है। इसके अलावा रक्षा साज सामान खरीदने की समय अवधि भी कम करने का संकल्प जाहिर किया गया है।
रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में हाल ही में रक्षा मंत्रालय की ओर से आयार के लिए प्रतिबंधित 101 सामान की सूची को शामिल किया गया है।
– रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में पहली बार रक्षा उपकरण लीज पर लेने की बात कही गई है।
इसके साथ ही इस रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 विदेशों से आयात किए जाने वाले रक्षा कलपुर्जों के स्वदेश में निर्माण की बात कही ई है
– रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में खरीद के लिए भारत में निर्मित एक नई श्रेणी को जोड़ा गया है जिसके तहत कोई विदेशी कंपनी भारत में अपनी शाखा खोल कर अपने रक्षा सामान का निर्माण कर सकती है।
इस में खरीददार के अधिकारों के बढाते हुए किसी रक्षा सामान की मरम्मत और उसके अपग्रेड को भारत में स्वदेशी इको सिस्टम जरिए कराने की बात को जोड़ा गया है।
– रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 पारदर्शिता, निष्पक्षता और सभी को समान अवसरों के सिद्धांतों के आधार पर प्रतियोगिता के पोषण के उद्देश्य के साथ परीक्षण करने की आवश्यकता पर जोर देता है
– रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की खरीद की भारतीय क्षेणी में मेक 1 और मेक 2 के तहत केवल भारतीय कंपनिया को ही भागीदारी को मौका
– वास्तव मेंरक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 जिसे एक एक साल में वृहत विचार विमश के बाद र्तैयार किया गया है । भारत सरकार के Atmanirbhar Bharat के विज़न और मेक इन इंडिया के प्रति प्रोत्साहन के साथ ही इंडस्ट्री फ्रेंडली प्रक्रिया है। रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 का दस्तावेज़ देश के घरेलू रक्षा उद्योग में विश्वास पैदा करने के साथ ही रक्षा क्षेत्र के हितधारकों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।
सोर्स डी डी न्यूज