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वित्त मंत्री ने की 73 हज़ार करोड़ के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा

अर्थव्यवस्था को डिमांड को बढ़ावा  देने के लिए सरकार ने सोमवार को 73 हज़ार करोड़ रूपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज में सराकारी कर्मचारियों को कैश एल.टी.सी. सुविधा और राज्य सरकारों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज के अलावा बुनियादी ढांचे में निवेश में बढ़ोत्तरी जैसे बड़े कदम शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने इन कदमों की घोषणा की। क्या है कदम और कैसे मिलेगा अर्थव्यवस्था को फायदा।

 

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अक्टूबर से मार्च तक के बीच का समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस अवधि के दौरान देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है और इसीलिए इसे बिजी सीजन भी कहा जाता है। इस बीच कई त्योहारों की वजह से लोग जमकर खरीदारी करते हैं और ग्रामीण इलाकों में भी खासी हलचल होती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने केर सरकार के कर्मचारियों को इस फेस्टिव सीजन बड़ा तोहफा दिया है। साथ ही राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र से अपील की है कि वे मांग को बढ़ाने में मदद करें। सोमवार को मीडिया कान्फ्रेंस कै दौरान वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि इन नए ऐलानों से अर्थव्यवस्था में कम से कम एक लाख करोड़ रूपए की अतिरिक्त मांग आएगी।

वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि केन्द्रीय कर्मचारियों को कोविड की वजह से एलटीसी का फायदा नहीं मिल पा रहा है लिहाजा इसका फायदा उन्हें कैश में दिया जाए। एक नई योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को अपनी एलटीसी का तीन गुना और 10 दिनो का लीव एनकैशमेंट  की कीमत का सामान खरीदना पड़ेगा । इस खरीदारी के लिए उन्हें डिजिटल पेमेंट करना होगा और उत्पाद ऐसे होने चाहिए जिन पर जीएसटी की दर 12 फीसदी या उससे अधिक हो। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को त्योहारों में खर्च करने के लिए 10000 रूपए का ब्याज मुक्त कर्ज भी मिलेगा जो वो 10 आसान किश्तों में अदा कर सकते हैं । सरकार को उम्मीद है कि अगर राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के लिए भी ये सुविधा देते हैं तो इससे 36,000 करोड़ रूपए से ज्यादा की मांग पैदा होगी।

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने राज्य सरकारों को 50 साल के लिए बिना किसी ब्याज के 12,000 करोड़ रूपए को कर्ज का ऐलान किया है। इसमें 2500 करोड़ रूपए उत्तर पूर्व और हिमालयन राज्यों के लिए 7500 करोड़ रूपए बाकी के राज्यों और 2000 करोड़ उन राज्यों के लिए रखे गए हैं जो आत्मनिर्भर भारत के तहत वन नेशन वन राशन कार्ड अथवा पॉ़वर रिफार्म्स पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। राज्यों को अगले 50 सालों तक एक भी पैसा वापिस नहीं करना होगा और राज्यों के लिए अतिरिक्त राहत से कम नहीं । ये पैसा 31 मार्च से पहले खर्च किया जाएगा और पहले से ही चल रही योजनाओँ के भुगतान के लिए भी किया जा सकता है ।

अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए सबसे बेहतरीन फैसला लिया गया पूंजीगत खर्चा बढ़ाने का। जहां एक ओर बजट में 3.12 लाख करोड़ के पूंजीगत खर्च की व्यवस्था पहले से ही की गई है वहीं वित्त मंत्री ने 31 मार्च तक 25,000 करोड़ और खर्च करने का ऐलान किया। ये पैसा  सड़क निर्माण, रक्षा उपकरणों, पानी की सप्लाई और शहरी विकास की परियोजनाओँ में किया जाएगा।  इसके साथ ही वित्त मंत्री लगातार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ पूंजीगत खर्च  बढ़ाने को लेकर चर्चा कर रही हैं। वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र से भी अपील की है कि वे अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए सरकार का साथ दें। लेकिन इतया तो तय है कि कोविड 19 महामारी की वजह से जिन लोगों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ी ,इक़ॉनामी में डिमांड वापिस आने से फायदा भी सबसे पहले उन्हीं को होना तय है।

सोर्स डी डी न्यूज