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विदेश मंत्री ने सार्क देशों के मंत्रियों की परिषद की वार्षिक अनौपचारिक बैठक में भाग लिया

विदेश मंत्री डॉ० एस. जयशंकर ने सार्क देशों के मंत्रियों की परिषद की वार्षिक अनौपचारिक बैठक में भाग लिया। नेपाल की अध्‍यक्षता में ये एक वर्चुअल बैठक थी जिसमें सार्क सदस्‍य देशों ने भाग लिया।

 

बैठक में कोविड-19 महामारी से निपटने के क्षेत्रीय प्रयासों की समीक्षा की गई। विदेश मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि सभी प्रतिभागियों ने इस क्षेत्र में महामारी की रोकथाम के साझा उपायों के बारे में 15 मार्च को सार्क नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की प्रशंसा की।

डॉ. जयशंकर ने अपने बयान में कहा कि एकजुट, अखंड, सुरक्षित और खुशहाल दक्षिण एशिया के निर्माण के लिए सार्क संगठन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्‍होंने, सार्क नेताओं की वीडियो कांफ्रेंस में प्रस्‍तुत सुझाओं को लागू करने की दिशा में भारत के उपायों का उल्‍लेख किया। इन उपायों में स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवसायकों और वाणिज्‍य अधिकारियों की वर्चुअल बैठक बुलाये जाने तथा कोविड-19 सूचना आदान-प्रदान मंच की स्‍थापना जैसे उपाय शामिल हैं।

विदेश मंत्री ने बताया कि सार्क कोविड-19 आपात कोष के लिए भारत के योगदान के अंतर्गत आवश्‍यक दवाओं और जरूरी चिकित्‍सा सामग्री, कोविड से सुरक्षा और जांच-किट तथा अन्‍य साजो-सामान की आपूर्ति के बारे में बैठक को जानकारी दी गई। इन सभी जरूरी सामग्री की आपूर्ति के लिए आवश्‍यक राशि 23 लाख डॉलर सार्क संगठन के देशों को उपलब्‍ध कराई गई।

डॉ. जयशंकर ने आतंकवाद के सभी स्रोतों और शक्तियों को पराजित करने के लिए सार्क संगठन के सदस्‍य देशों का आहवान किया कि वे इस दिशा में एकजुट कार्रवाई करें।

सोर्स डी डी न्यूज

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