केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने तकनीकी शिक्षा को मातृभाषा के अनुरूप ढालने के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स का गठन सचिव की अध्यक्षता में किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग विभिन्न हितधारकों द्वारा किए गए सुझावों को ध्यान में रखेगा और एक महीने में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
शिक्षा मंत्रालय ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों सहित तकनीकी शिक्षा मातृ भाषा में देने के लिए रोडमैप तैयार करने की खातिर बुधवार को एक टास्क फोर्स का गठन किया है। यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय की ओर से बुधवार को साझा की गई। शिक्षा मंत्री निशंक की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
निशंक ने कहा, ‘‘आज की बैठक प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को हासिल करने की दिशा में एक कदम है कि छात्र मेडिकल, इंजीनियरिंग और कानून जैसे पेशेवर पाठ्यक्रम अपने मातृभाषा में पूरे कर सकें। किसी भी छात्र पर कोई भाषा नहीं लादी जाएगी लेकिन ऐसे प्रावधान किए जाने चाहिए।
किसी भी छात्र पर कोई भाषा नहीं लादी जाएगी लेकिन ऐसे प्रावधान किए जाने चाहिए ताकि छात्र अंग्रेजी भाषा की जानकारी के अभाव में तकनीकी शिक्षा से वंचित नहीं हो पाएं।’’ बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री अमित खरे, आईआईटी के निदेशक, शिक्षाविद् और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे जिनका एजेंडा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने पर चर्चा करना था।सोर्स डी डी न्यूज
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