बिहार चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले सियासत हुई गर्म, नीतीश कुमार ने कहा ये उनका आख़िरी चुनाव
दूसरे चरण की अपेक्षा तीसरे चरण में सीटों की संख्या भले कम है, लेकिन दिग्गजों की तादाद सबसे अधिक है। इसी दौर में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी सहित राज्य सरकार के 12 मंत्रियों की साख भी दांव पर है।
कल्याणपुर सीट (समस्तीपुर)—बिहार सरकार में योजना और विकास मंत्री माहेश्वर हजारी समस्तीपुर के कल्याणपुर सीट पर अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। 2015 में भी माहेश्वर हजारी कल्याणपुर सीट से जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। इस बार यहां से महागठबंधन ने हजारी के खिलाफ ये सीट भाकपा माले को दी है। भाकपा माले ने यहां रंजीत कुमार राम को अपना प्रत्याशी बनाया है।
दरभंगा जिला की बहादुरपुर विधानसभा सीट पर नीतीश सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मदन साहनी की किस्मत पर दांव पर है। साल 2010 के चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार मदन साहनी ने इस सीट से जीत हासिल की थी. साहनी ने अपने विरोधी और राजद उम्मीदवार हरिनंदन यादव को हराया था। लेकिन 2015 विधानसभा चुनाव में यहां पर RJD के भोला यादव ने तब भारतीय जनता पार्टी के हरि सहनी को हराया था।
सुपौल सीट – नीतीश सरकार में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव सुपौल सीट से लगातार सात बार चुनाव जीत चुके हैं। वो यहां से 1990 से चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बार उनके मुकाबले में महागठबंधन ने यहां से कांग्रेस प्रत्याशी मिन्नतुल्लाह रहमानी को मैदान में उतारा है।
मधेपुरा सीट — मधेपुरा सीट पर हर किसी की नजर है. कारण यह है कि कारण यह है कि 20 साल बाद पप्पू यादव यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. इसलिए यह सीट शुरुआत से ही चर्चा में है. जाप प्रमुख, जेडीयू और आरजेडी के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा. आरजेडी ने मौजूदा विधायक चंद्रशेखर को एक बार फिर मैदान में उतारा है. वहीं जेडीयू की ओर से निखिल मंडल को टिकट दिया गया है. निखिल मंडल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मंडल आयोग के चेयरमैन रहे स्वर्गीय बी पी मंडल के पोते हैं।
बेनीपट्टी की सीट पर भी सबकी नजर है। फिलहाल, इस सीट से कांग्रेस की भावना झा विधायक हैं। उनके पिता योगेश्वर झा भी चार बार इस सीट से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2015 में भावना झा ने महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर भाजपा के विनोद नारायण झा को हराया था। फिलहाल विनोद नारायण झा एमएलसी हैं और बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री हैं। इस सीट पर विनोद नारायण झा की एंट्री 2010 में हुई। इससे पहले वे पंडौल के विधायक रह चुके थे।
बोचहां विधानसभा सीट – मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा सीट बिहार की राजनीति के दिग्गजों में शुमार किए जाने वाले रमई राम की परंपरागत सीट है। यहां से नौ बार जीत चुके रमई राम को पिछली बार एक निर्दलीय ने धूल चटाई थी। बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरी बेबी कुमारी ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे रमई को 24 हजार से अधिक वोट के बड़े अंतर से शिकस्त दे दी थी। इस बार फिर रमई राम राजद प्रत्याशी के तौर पर फिर यहां से मैदान में हैं। एनडीए की ओर से वीआईपी पार्टी के मुसाफिर पासवान उनके मुकाबले में उतारे गए हैं।सोर्स डी डी न्यूज