New Delhi

दिल्ली एनसीआर में बेलगाम वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए गठित आयोग ने शुक्रवार से काम संभाल लिया है…शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनावई में  सॉलिसिटर जनरल ने ये जानकारी दी… सरकार ने एक नए कानून को लागू कर ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाके में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग’ का गठन किया है..इस बीच कई राज्यों ने त्योहारों में पटाखा चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

 

ठंड की दस्तक के साथ ही दिल्ली एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का भी कोई सकारात्मक असर होता नजर नहीं आ रहा है। दमघोंटू हवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनावई हुई और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए गठित आयोग ने शुक्रवार से ही काम संभाल लिया है। इसपर शीर्ष अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि ये सुनिश्चित किया जाए कि दिल्ली को स्मॉग से मुक्ति मिले। मुख्य न्यायधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा प्रदूषण पर पार पाना सरकरा की ज़िम्मेदारी है।

इस बीच केंद्र सरकार ने दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एम एम कुट्टी को आयोग’ का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इनके अलावा आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर मुकेश खरे,  मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक रमेश के जे को बतौर पूर्णकालिक तकनीकी सदस्य और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अरविंद कुमार नौटियाल आयोग के पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इनके कार्यकाल अगले तीन साल  या 70 साल की आयु पूरी होने तक ही होंगे।

प्रदूषण की गहराती समस्या से निपटने के लिए सरकार ने 29 अक्टूबर को एक नए कानून को लागू कर ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाके में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग’ का गठन किया था। नए कानून के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है।

दिल्ली एनसीआर में वायू प्रदूषण का एक मुख्य कारक माने जाने वाले पराली जलाने की समस्या से निपटान के लिए केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक नई केंद्रीय योजना लाई गई। जिसके लिए 1,178 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया। पराली प्रबंधन के लिए दिए जाने वाले कृषि उपकरणों पर किसान को सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है। व्यक्तिगत रूप से उपकरणों पर 50 % और किसानों के समूह को 80 % तक की सब्सिडी दी जाती है। राज्य सरकारों की तरफ से 2018-19 के दौरान 56,290 किसानों को उपकरणों की ख़रीद पर छूट दी गई।

इस बीच कोरोना महामारी और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए देश के कई राज्यों ने त्योहारों में पटाखा फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कई ऐसे भी राज्य हैं जहां पर पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि कई ऐसे राज्य हैं जहां आयातित पटाखों के उपयोग पर रोक लगाया है। दिल्ली एक ओर कोरोना संक्रमण से कराह रहा है तो वहीं दूसरी बिगड़ती हवा से परेशान है। इस बीच दिल्ली सरकार ने गुरुवार को 30 नवंबर तक सभी पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।

उधर कर्नाटक ने भी महामारी और प्रदूषण के मद्देनज़र दीपावली के मौक़े पर पटाखे जलाने को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा महाराष्ट्र ने दिशा-निर्देश जारी कर पटाखें नहीं जलाने की अपील की है। इस बीच, हरियाणा और मध्य प्रदेश ने “आयातित” पटाखों की बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है।byddnews