हाथरस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले को भयानक बताया. अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि वह ये बताए कि हाथरस मामले के गवाहों की कैसे सुरक्षा की जा रही है. फिलहाल मामले की एसआईटी जांच चल रही है.
उत्तर प्रदेश का हाथरस कांड अब देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई से पहले ही यूपी सरकार ने अदालत में हलफनामा दाखिल किया.
हलफनामे में कहा गया है कि मेडिकल रिपोर्ट्स में लड़की के साथ दुष्कर्म होने जैसी कोई बात सामने नहीं आई है. आधी रात को अंतिम संस्कार करने की वजह कानून व्यवस्था बनाए रखना था. खुफिया एजेंसी की सूचना के मुताबिक मामले से जुड़ी दोनों जातियों के लोग घटना वाले गांव में जमा हो रहे थे. अगर सुबह तक शव वहीं रहता तो जातीय दंगे होने की पूरी आशंका थी. घरवालों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया. इस मामले को लेकर आगे हिंसा न हो, लिहाज़ा घरवाले भी इसके लिए सहमत थे. पीड़िता का पोस्टमॉर्टम पहले ही सफदरजंग अस्पताल में हो चुका था. इसलिए साक्ष्यों से छेड़छाड़ के आरोप बिल्कुल ग़लत हैं.
हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा है कि कुछ राजनैतिक पार्टियों और मीडिया का एक हिस्सा हाथरस मामले को जातीय रंग देने में लगा है. लिहाजा सीबीआई जांच जारी रखने की इजाजत दी जाए. यूपी सरकार ने कहा कि झूठे नैरेटिव के पर्दाफाश के लिए कोर्ट सीबीआई जांच की निगरानी करे. यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि पीड़िता के परिवार को पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है.
उधर हाथरस कांड के पीछे जातीय हिंसा की साजिश रचे जाने का खुलासा होने के बाद मथुरा से चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि दिल्ली से हाथरस जा रहे इन युवकों के संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से हैं. पुलिस आगे जांच कर रही है. पकड़े गए युवकों में से एक बहराइच जिले के जरवल का रहने वाला है. पुलिस के मुताबिक ये दिल्ली की जामिया में एलएलबी का छात्र है. बीते दो साल से वो पीएफआई की छात्र शाखा कैम्पस फ्रेंड ऑफ इंडिया से जुड़ा है.
इस बीच आरपीआई प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने हाथरस में पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार इस मामले में हर संभव कार्रवाई कर रही है.
गौरतलब है कि हाथरस की इस घटना की जांच के लिए यूपी सरकार ने तीन सदस्यीय विशेष जांच दल यानि एसआईटी का गठन किया है जिसे अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करनी है. राज्य सरकार ने हाथरस की घटना के लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने के निर्देश भी दिए हैं. बाद में राज्य सरकार ने घटना की सीबीआई जांच की भी सिफारिश कर दी है.
सोर्स डी डी न्यूज