बांग्लादेश में भारत द्वारा वित्त पोषित विकास परियोजनाओं की होगी निगरानी
बांग्लादेश में भारत द्वारा वित्त पोषित विकास परियोजनाओं की निगरानी के लिए भारत और बांग्लादेश ने एक उच्च स्तरीय प्रणाली का गठन करने का फैसला किया है। इस समिति की अध्यक्षता बांग्लादेश के आर्थिक संबंध विभाग के सचिव और बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त करेंगे।
दोनों देशों के बीच संयुक्त परामर्श आयोग की 6ठी बैठक के दौरान ये फैसला लिया गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश मंत्री डा. के अब्दुल मोमेन ने संयुक्त रुप से इस बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में भारत ने बांग्लादेश को भरोसा दिया कि वह बांग्लादेश के निवेश के प्रस्ताव पर तेज़ी से काम करेगा। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत अपने निवेशकों को बांग्लादेश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। दोनों पक्षों के बीच रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त करते हुए बयान में वार्षिक रक्षा वार्ता की अगली बैठक को नवंबर में आयोजित किए जाने के प्रस्ताव का स्वागत किया गया।
बांग्लादेश ने डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट के जल्द क्रियान्वन की भी अपील की। विभिन्न श्रेणियों में मुसाफिरों की यात्रा को सुगम बनाने की दिशा में दोनों देशों ने एयर ट्रैवल बबल फ्लाइट्स को शुरू करने पर भी सहमति जताई। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने बैठक में भारत में इलाज के लिए आने वाले मरीज़ों, छात्रों और व्यापारियों समेत बांग्लादेशी नागरिकों को वीज़ा देने की प्रक्रिया फिर से शुरू करने की भी अपील की।
कोविड-19 वैक्सीन को लेकर प्राथमिकताओं की प्रतिबद्धता जताते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ‘पड़ोसी पहले’ की भारत की नीति के तहत बांग्लादेश, भारत के लिए अहम स्थान रखता है। उन्होंने अधिकारियों को तीसरे चरण के परीक्षण, वैक्सीन वितरण और बांग्लादेश में उसे उपलब्ध कराने के संबंध में ज़रूरी निर्देश दिए। सीमा पर दोनों ही देशों के नागरिकों की जान जाने के मुद्दे पर दोनों पक्षों ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समन्वित सीमा प्रबंधन योजना को और मज़बूत बनाने पर बल दिया।
बैठक में म्यामां के रखाइन प्रांत से जबरन विस्थापित लोगों की सुरक्षित, त्वरित और सतत् वापसी के महत्व पर भी जोर दिया गया, जो बांग्लादेश में शरण लिए हुए हैं।
सोर्स डी डी न्यूज