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University of Allahabad/Ranking

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क 2020 जारी कर सकता है इससे पहले एक प्राइवेट एजेंसी ने अपनी रैंकिंग जारी की जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय की साख मजबूत होती दिख रही है। इस कंपनी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय को देश भर में 42वींं रैंकिंग दी है। यदि एनआईआरएफ में भी रैंकिंग की सुधार होती है तो कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आर आर तिवारी के खाते में बड़ी उपलब्धि हासिल होगी

बेहतरी की उम्मीदों पर फिर गया पानी
शुरुआत करते हैं पूरब का आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय से। एचआरडी मंत्रालय ने 2016 से रैंकिंग की व्यवस्था लागू की थी। इस वर्ष इविवि को देशभर के विश्वविद्यालयों में 68वां स्थान मिला था। 2017 में 27 पायदान की गिरावट के साथ इविवि 95वें स्थान पर चला गया था। 2018 की रैंकिंग में यह टॉप-100 यूनिवर्सिटी की सूची से बाहर हो गया था। इसे देशभर में 144वां स्थान मिला था। रैंकिंग से जुड़े इविवि के शिक्षक 2019 में बेहतरी की उम्मीद जता रहे थे लेकिन रैंकिंग आने के सबकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। 125 वर्ष से भी ज्यादा पुराने इविवि को इस बार देश के शीर्ष 200 यूनिवर्सिटी में भी स्थान नहीं मिला है।

2020 में छात्रों को उम्मीद हैं कि विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार होगा।