कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर इंडिया गेट पर जलाया गया ट्रैक्टर,
किसान कल्याण के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गये क़ानूनों को लेकर विपक्षी दल अब तक जहाँ किसानों को भ्रमित ही कर रहे थे, वहीं सोमवार को इस मुद्दे पर सियासत को आगे बढ़ाते हुए किसानों के विरोध प्रदर्शन के नाम पर पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के इंडिया गेट के पास ट्रक पर लादकर लाए एक ट्रेक्टर में आग लगा दी..इसे लेकर केंद्र सरकार ने कॉंग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है की किसानों का राजनीति के लिए प्रयोग ना करें..
देश की राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट के पास ये है जलता हुआ ट्रैक्टर । किसानों के नाम पर हो रही सियासत का ये है एक चेहरा । किसानों के विरोध प्रदर्शन के नाम पर पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के इंडिया गेट के पास कृषि विधेयकों का विरोध करने के लिए ट्रक पर लादकर लाए एक ट्रेक्टर में आग लगा दी। हालांकि पुलिस फौरन हरकत में आई और ” आग बुझा दी गई । ट्रैक्टर को भी हटा दिया गया । घटना में शामिल रहे पंजाब के रहने वाले पांच लोगों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने घटना की कडी निंदा करते हुए कांग्रेस पर सियासत करने का आरोप लगाया है ।
कई और केंद्रीय मंत्रिय़ों ने कृषि सुधारों के मसले पर कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए उस पर किसान बिल को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है।
विरोध का आलम ये है कि शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान हरियाणा के अंबाला में आपातकालीन ड्यूटी पर जा रहे सेना के एक काफिले को भी रोक दिया गया। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने व्यस्त अंबाला-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर सेना के ट्रकों के एक काफिला रोक दिया गया। हालाकि बाद में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आपातकालीन ड्यूटी पर जा रहे सेना के काफिले को रोड की दूसरी ओर से गुजारा गया। ये सब कुछ किसानों को गुहराह करके कराया जा रहा है ।
दरअसल संसद सत्र में सरकार ने कृषि सुधारों से जुडे तीन कानून बनाए हैं जिनका कांग्रेस समेत कुछ दल विरोध कर रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि ये दल किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है। इस बीच देश के पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों के एक समूह ने किसान बिल के समर्थन में बयान जारी किया है। केंद्र और राज्य के विभिन्न मंत्रालयों में सचिव रहे अधिकारियों ने बयान जारी कर किसान से जुड़े बिल को क्रांतिकारी बताया है। इस बयान में कहा गया है कि
सरकार का यह दूरदर्शी प्रयास निश्चित रुप से कृषि क्षेत्र में क्रांति लाएगा और किसानों के लिए जीवन अमृत सिद्ध होगा। बयान में कहा गया है कि बिल के फलस्वरुप कृषि क्षेत्र में बाधा रहित व्यवसाय हो सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहने का भरोसा दिया है लेकिन फिर भी कुछ लोग बहु राष्ट्रीय उद्देश्यों के तहत भ्रम फैला रहे हैं कि बिल किसानों के खिलाफ है । बयान में कहा गया है किसान को सशक्त बनाने और बिचैलियों से मुक्त कराने का जो राजनैतिक दल पहले अपने घोषणापत्र में वादा कर रहे थे ,वही अब इस बिल पर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे है। ये वही लोग है जिन्होने पहले इसी तरह छात्रों में भ्रम फैलाने का काम किया था।बयान में कहा गया है किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में इस बिल के रूप में केंद्र सरकार के कदम का हम समर्थन करते है।
इस बीच राष्ट्रपति ने भी इन विधेयकों को मंजूरी दे दी है । किसानों के मसले पर कुछ दल विरोध की सियासत कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार लगातार किसानों के कल्याण के कदमों का एलान कर रही है । केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सर्वोच्च वित्तीय संगठन राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम यानी एनसीडीसी ने छत्तीसगढ़,हरियाणा और तेलंगाना राज्यों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रक्रिया के अंतर्गत खरीफ सत्र में धान की खरीद के लिए 19444 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी करने को मंजूरी दी । यह राशि इसलिए मंजूर की गई है ताकि राज्यों और राज्यों के मार्केटिंग को अपने सहकारी संगठनों के जरिए समयबद्ध ढंग से धान की खरीद करने की प्रक्रिया में सहायता मिले। इसके साथ ही देश भर में धान की फसल की सरकारी खरीद शुरु करने के आदेश जारी हो गए हैं । सरकार ने तय समय से पहले ही सोमवार से ही सरकारी खरीद का आदेश जारी कर दिया है।
कुल मिलाकर सरकार लगातार किसानों के मसले पर जरुरी कदम उठा रही है लेकिन सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है ।
सोर्सडी डी न्यूज