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पीएम मोदी ने दुनिया की दिग्गज तेल और गैस कंपनियों के प्रमुखों से की बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति अयोग और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा आयोजित इंडिया एनर्जी फोरम का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया और दिग्गज तेल और गैस कंपनियों के सीईओ के साथ बातचीत की. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि ऊर्जा तक पहुंच विश्वसनीय और सस्ती होनी चाहिए, तभी सामाजिक आर्थिक परिवर्तन हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र लोगों को सशक्त बनाता है और जीवन जीने में आसानी करता है.

 

कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक होने के नाते वैश्विक तेल और गैस क्षेत्र में भारत की एक महत्वपूर्ण भूमिका है. वैश्विक तेल एवं गैस मूल्य श्रृंखला में भारत को एक आम उपभोक्ता से सक्रिय और मुखर भागीदार बनाने के इरादे से नीति आयोग ने 2016 में  दुनिया के तेल और गैस के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ पीएम मोदी की एक अहम बैठक आयोजित की. इसी कड़ी को आगे बढाते हुए इसके पांचवें आयोजन में सोमवार को पीएम मोदी ने दुनिया की दिग्गज तेल और गैस कंपनियों के प्रमुखों से बातचीत की और इंडिया एनर्जी फोरम का उद्घाटन किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में तमाम चुनौतियों के बाद भी आने वाले सालों में भारत प्रमुख ऊर्जा उपभोक्ता बना रहेगा. पीएम ने सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा पहुंच पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा पर जोर दिया और बताया कि कैसे उनकी सरकार ने पिछले छह सालों में इस पर काम किया है. पीएम ने कहा कि सतत विकास के लक्ष्य पर अमल करते हुए उनकी सरकार की ऊर्जा योजना का लक्ष्य उर्जा न्याय है.

प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल के सालों में उनकी सरकार ने उर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार किए हैं और इसमें पारदर्शिता पर फोकस है. सरकार घरेलू गैस उत्पादन बढाने और  रिफाइनिंग क्षमता को बढाने पर खास जोर दे रही है. इन सबके साथ ही पीएम ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने की भारत की प्रतिबद्धता जतायी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पड़ोसी पहले की नीति के तहत पडोसी देशों के साथ ऊर्जा कॉरीडोर पर काम कर रहा है. पीएम ने तेल और गैस क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की वकालत की तो साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव के लिए सात तत्व बताए.

इस साल बैठक में प्रमुख तेल एवं गैस कंपनियों के करीब 45 सीईओ शामिल हुए. बैठक का उद्देश्य बेहतर गतिविधियों को समझने, सुधारों पर चर्चा करने और भारतीय तेल एवं गैस मूल्य श्रृंखला में निवेश में तेजी लाने के लिए रणनीतियों के बारे में जानकारी के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करना है. दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता भारत के आगे बढ़ने के साथ इस इवेंट का कद भी बढ़ा है, जहां बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2030 तक तेल एवं गैस क्षेत्र में 300 अरब डॉलर से अधिक निवेश होने का अनुमान है. कार्यक्रम में तेल एवं गैस क्षेत्र में भारत की योजना और अवसर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी.सोर्स डी डी न्यूज