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प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड में नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत 6 बड़ी परियोजनाओं का किया शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तराखंड में नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत 6 बड़ी परियोजनाओं का वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शुभारंभ किया। इन परियोजनाओं में जगजीतपुर में 6 करोड़ 80 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के मलजल उपचार संयंत्र का निर्माण और 2 करोड़ 70 लाख लीटर दैनिक क्षमता के मौजूदा संयंत्र में सुधार तथा हरिद्वार के सराय में एक करोड़ 80 लाख लीटर दैनिक क्षमता के मल-जल उपचार संयंत्र का निर्माण शामिल हैं।

 

जगजीतपुर परियोजना सार्वजनिक निजी भागीदारी के हाईब्रिड एन्यूटी मोड से तैयार पहली मल-जल उपचार परियोजना है। हाईब्रिड एन्यूटी मोड में केंद्र सरकार आरंभ में एक निश्चित राशि का भुगतान करती है, बाद में यह राशि परिवर्तित होती है। गंगा नदी में लगभग 80 प्रतिशत गंदा पानी हरिद्वार-ऋषिकेश क्षेत्र से आता है। इन संयंत्रों से गंगा नदी की स्वच्छता में महत्वपूर्ण योगदान होगा।

इन संयंत्रों को मिलाकर उत्तराखंड में गंगानदी के किनारे बसे 17 शहरों के प्रदूषण से निपटने के लिए कुल 30 परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

उदघाटन समारोह में  पीएम मोदी ने कहा कि सीवेज प्रणाली के विस्‍तार के बाद उत्‍तराखंड में मल-जल उपचार संयंत्र की क्षमता चार गुणा बढ़ गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा नदी उत्‍तराखंड में उदगम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक देश की आधी आबादी के जीवन को समृद्ध बनाती है इसलिए गंगा की निर्मलता जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार नई सोच और नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ी। सरकार ने नमामि गंगे मिशन को केवल गंगा को निर्मल बनाने तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि इसे देश में सबसे बड़ा व्‍यापक नदी संरक्षण कार्यक्रम बना दिया। गंदे पानी को गंगा नदी में गिरने से रोकने के लिए बड़ी संख्‍या में ऐसे मल-जल उपचार संयंत्र बनाए गए हैं जो अगले दस से पन्‍द्रह वर्ष की जरूरतें पूरी कर सकते है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गंगा नदी के तट पर जैविक खेती गलियारा विकसित कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय देश में प्रत्‍येक घर तक जल पहुंचाने के मिशन में लगा है। जल जीवन मिशन के तहत रोजाना करीब एक लाख परिवारों को पेयजल सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। केवल पिछले एक वर्ष में ही दो करोड़ परिवारों को पेयजल उपलब्‍ध कराया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन ने लोगों को अपने गांव में जल प्रबंधन की देखभाल करने का अवसर उपलब्‍ध कराया है। उन्‍होंने कहा कि देश के मजदूरों, किसानों, युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए किसानों, मजदूरों और स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में बड़े सुधार‍ किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने श्रम और कृषि क्षेत्र में सुधारों का विरोध शुरू करने पर विपक्ष की आलोचना की। उन्‍होंने कहा कि प्रदर्शनकारी कृषि से संबंधित वस्‍तुओं और उपकरणों को जलाकर किसानों का अपमान कर रहे है और ऐसे लोग नहीं चाहते कि किसान अपनी उपज खुले बाजार में बेच सकें। प्रधानमंत्री ने किसानों को आश्‍वासन दिया कि न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य जारी रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋषिकेश के लक्कड़ घाट में 2 करोड़ 60 लाख लीटर दैनिक क्षमता के मल-जल उपचार संयंत्र का भी उद्घाटन किया। उन्‍होंने चोरपानी में पचास लाख लीटर क्षमता के संयंत्र तथा बद्रीनाथ में भी दो छोटे संयंत्रों का भी उद्घाटन किया।

मुनि की रेती में 75 लाख लीटर दैनिक क्षमता का संयंत्र देश का पहला चार मंजिला उपचार संयंत्र होगा। इसमें सीमित भूमि उपलब्धता को एक अवसर में बदला गया है।

प्रधानमंत्री ने गंगा को समर्पित पहले संग्रहालय गंगा अवलोकन का भी उद्घाटन किया। यह संग्रहालय हरिद्वार के चंडीघाट में स्थित है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और भारतीय वन्य जीव संस्थान से गंगा नदी पर संयुक्त रूप से प्रकाशित पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इसमें गंगा की संस्कृति और जैव विविधता के बीच तालमेल दर्शाया गया है।

प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के लोगो तथा इस मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों और पानी समितियों के लिए मार्गदर्शिका का भी अनावरण किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि पानी की एक-एक बूंद की कीमत समझते हुए जलजीवन मिशन चलाया जा रहा है।

सोर्स डी डी न्यूज

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