भारत और डेनमार्क जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों से निपटने और हरित ऊर्जा समाधान के लिए मिलकर काम करेंगे
भारत और डेनमार्क ने ग्रीन रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने के महत्व पर बल दिया है। इसके तहत दोनों देश सम्बंधित मंत्रालयों, संस्थाओं और हितधारकों के जरिए सहयोग करेंगे। ग्रीन रणनीतिक साझेदारी राजनीतिक सहयोग, आर्थिक सम्बंधों के विस्तार और हरित वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए परस्पर लाभदायक व्यवस्था है।
यह पेरिस समझौते को लागू करने और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की महत्वाकांक्षा पर ध्यान देने के साथ वैश्विक चुनौतियों से निपटने और अवसरों का लाभ उठाने के बारे में सहयोग बढ़ाने और रोजगार के अवसर सृजित करने का समझौता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मैट फ्रेडरिकसन की वर्चुअल शिखर बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। इसके अनुसार दोनों प्रधानमंत्रियों ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए और ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ने तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने के समाधान तलाशने में निकट साझेदारी की पुष्टि की है।
भारत और डेनमार्क जलवायु परिवर्तन से निपटने की वैश्विक लड़ाई में अग्रणी होने पर भी सहमत हुए। दोनों देशों ने जलवायु और ऊर्जा के बारे में अत्यधिक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किए हैं जो महत्वाकांक्षी पेरिस समझौते के कार्यान्वयन में योगदान करेंगे। दोनों देश मिलकर विश्व को यह दिखाएंगे कि महत्वाकांक्षी जलवायु और सतत ऊर्जा लक्ष्य हासिल करना सम्भव है।
सोर्स डी डी न्यूज