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विपक्ष के जोरदार हंगामे के बाद कृषि सुधार से संबंधित दो बिल राज्यसभा में ध्वनि मत से पास

कृषि सुधार से संबंधित दो बिल राज्यसभा में ध्वनि मत से पारित हो गए हैं. इस दौरान विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया.

 

भारी हंगामे के बीच आखिरकार राज्य सभा से  उपज व्यापार और वाणिज्य(संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक सशक्तीकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक,2020 पारित  हो गए। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि संबंधित दोनों बिल पर चर्चा के जवाब में कहा कि विपक्ष के भाषण राजनीति से प्रेरित हैं और सरकार सदन को आश्वस्त करती है कि हर साल एमएसपी पर किसानों से खरीद करती रहेगी..। कृषि मंत्री ने कहा कि यूपीए के कार्यकाल की तुलना में वर्तमान सरकार ने एमएसपी में काफी वृद्धि की है।

कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा  ने इन बिलों को किसान विरोधी बताया। जबकि भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने बिल के समर्थन में कहा कि यह बिल किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल के दाम से लेकर उसकी उपज को और बेहतर तरीके से तय कर पाने में सफल होंगे।

विपक्ष इन विधेयकों को सेलेक्ट कमेटी में भेजना चाहता था, जिसके चलते उन्होंने सदन में भारी हंगामा खड़ा किया। टीएमसी,कांग्रेस ,डीएमके, आम आदमी पार्टी और लेफ्ट पार्टियाँ वेल में आ गये ,यहाँ तक कि आसन के समीप आकर उपसभापति के माइक को भी पकड़ने की कोशिश की,वहीं रुल बुक को भी फाड़ने की कोशिश की गई। जिसके चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई । हद तो तब हो गई,जब विपक्षी सदस्यों ने कोविड के तमाम प्रोटोकॉल की भी धज्जियां उड़ा दीं और आसन के समझाने के बाद भी विपक्षी सांसदों ने उनकी एक नहीं सुनी। नतीजा सदन की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा। विपक्ष के इस आचरण को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

लोकसभा से यह दोनों विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं और अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून के रूप में आ जायेंगे। तब देशभर के किसानों को अपनी मर्जी के अनुरूप अपनी फसल के दाम और संबंधित विपणन का अधिकार मिल सकेगा ।
सोर्स डी डी न्यूज