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श्रीलंका के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति

कोरोना काल में भी भारत अपने मित्र देशों के साथ आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है… इस कड़ी में आज पीएम मोदी ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री के साथ वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की… अपनी नई पारी की शुरूआत करने के बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री की किसी भी वैश्विक नेता के साथ ये पहली मीटिंग थी जिसके तहत उन्होने भारत के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिये चुना।

 

कोरोना काल में भी पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने के भारत के प्रयास जारी है । शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने एक वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने राजपक्षे के साथ अनेक विषयों पर बातचीत की जिनमें द्विपक्षीय संबंध तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने जैसे विषय शामिल रहे।  शिखर-वार्ता में अपने प्रारंभिक वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी की मिली बड़ी जीत दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहन बनाएगी।

श्रीलंका के साथ प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली वर्चुअल बैठक थी। जबकि श्रीलंका के प्रधानमंत्री बनने के बाद राजपक्षे की भी किसी अन्य देश के नेता के साथ यह पहली कूटनीतिक वार्ता थी।  पीएम मोदी ने कहा कि भारत श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने भी कहा कि दोनों देशों के बहुत पुराने समय से घनिष्ठ संबंध रहे हैं और आगे भी जारी रहेंगे । उन्होंने कोविड महामारी के दौरान भारत से मिली मदद की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करेगी ।

 बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस काफ्रेंस कर वार्ता की जानकारी दी । विदेश मंत्रालय के मुताबिक शिखर बैठक के नतीजे बेहद अहम तथा सकारात्मक रहे । महिंदा राजपक्षे के साथ वार्ता में पीएम मोदी ने श्रीलंका के साथ बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की सहायता देने की घोषणा की । प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका की नयी सरकार से समानता, न्याय, शांति, गरिमा की तमिलों की आकांक्षा को साकार करने के लिए काम करने को कहा । पीएम मोदी ने राजपक्षे से तमिल सुलह-सफाई मुद्दे पर श्रीलंका के संविधान के 13 वें संशोधन को लागू करने पर जोर दिया ।दोनों नेताओं  ने रक्षा सहयोग की प्रगाढ़ता पर संतोष व्यक्त किया और आगे समुद्री सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जतायी । दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर भी बात हुई ।  मछुआरों के मुद्दे पर पीएम मोदी और राजपक्षे ने इस दिशा में रचनात्मक और मानवीय दृष्टिकोण से काम करते रहने पर सहमति जतायी ।

गौरतलब है कि राजपक्षे की पार्टी ‘को देश के संसदीय चुनावों में दो तिहाई बहुमत हासिल हुआ था । इसके बाद उन्होने नौ अगस्त को नये कार्यकाल के लिए श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।  इसके बाद उन्होंने किसी देश के साथ पहले राजनयिक बैठक की । अब इस वार्ता के नतीजों से संबंधों को प्रगाढ़ करने में मदद मिलेगी।

सोर्स डी डी न्यूज

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