समाज के कमजोर वर्ग को करें जागरूक – विकास गोस्वामी*
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला जज विकास गोस्वामी ने पैरा-लीगल वालंटियर के साथ बैठक की। न्यायिक अधिकारी श्री विकास गोस्वामी ने स्वयं सेवकों को बताया की किसी भी पैरा लीगल वालंटियर जिन्हे पराविधिक स्वयं सेवक भी कहा जाता है, को अपनी दायित्यों को ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए। एक पी०एल०वी० के तमाम अधिकार प्राप्त होते हैं जैसे पैरा-लीगल वालंटियर लोगों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करेगा, विशेष रूप से उन लोगों को जो समाज के कमजोर वर्ग से आते हैं। लोगों को उनके विवाद / मुद्दे / समस्यों के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ सम्बंधित प्राधिकरण में सम्पर्क करेंगे जिससे की समय रहते उनका समाधान किया जा सके। लगातार अपने संचालन के क्षेत्र में नज़र रखेंगे और अगर कहीं पर कोई अन्याय या क़ानून का उल्लंघन करता है, तो वह इसकी सूचना प्राधिकरण में जा के दे सकते हैं। अगर PLV किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी प्राप्त करता है, तो वह पुलिस स्टेशन जा के निकटतम कानूनी सेवा संस्थान के माध्यम से गिरफ्तार व्यक्ति को कानूनी सहायता मिले यह बात सुनिश्चित करेगा। PLV यह भी सुनिश्चित करेगा कि अपराध से पीड़ित व्यक्ति की उचित देखभाल हो साथ ही Cr.P.C. की धारा 357A के तहत उसको मुआवजा मिले। प्राधिकरण की अनुमति से जेल में बंद कैदियों को भी क़ानूनी सहायता प्रदान कर सकता है। इसके अलावा वह बाल सुधार गृह भी जा सकता है। बाल अधिकारों को लेकर समाज को जागरूक करेगा साथ ही बाल श्रम, बच्चों और लड़कियों की तस्करी इत्यादि के बारे में पता चलने पर निकटम क़ानूनी संस्था या फिर प्राधिकरण की बाल कल्याण समिति को सूचित करेगा। अपने क्षेत्र में कानूनी जागरूकता शिविर आयोजन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता करेंगे। पैरा-लीगल वालंटियर्स लोगों में लोक अदालतों, सुलह, मध्यस्थता के माध्यम से आपसी विवादों को सुलझाने के लिए जागरूकता पैदा करेंगे। इस अवसर पर कार्यालय लिपिक राम भवन चौधरी, बलदेव मुलायम सिंह, शैलेंद्र प्रताप, मंजू रानी शर्मा, प्रियंका, त्रिलोकी सिंह, अरविंद कुमार राय, अनिल राय, मनीष कुमार वर्मा, मु0 जावेद, फिरदौस फातिमा, अफराक अहमद, लल्लन, जितेंद्र कुमार, सुरेश चंद, प्रमिला देवी, स्वरेंद्र शुक्ला उपस्थित रहे।