उत्तर प्रदेश में भी दिवाली से देवदीपावली तक बनारस समेत 12 जिलों में पटाखा बेचने पर प्रतिबंध
बनारस समेत 12 जिलों में दिवाली से देवदीपावली तक पटाखा बेचने और बजाने पर रोक लगा दी गई है। एनजीटी के आदेशों के बाद शासन ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार तत्काल प्रभाव से 30 नवंबर तक पटाखा पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। इस बार दिवाली 14 नवंबर और देवदीपावली 30 नवंबर को है।
वाराणसी में इस बाबत जिला प्रशासन ने भी निर्देश जारी किया है। सभी थानाध्यक्षों और मजिस्ट्रेटों को एनजीटी के आदेश का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है। लोगों को इस बारे में जागरूक करने को भी कहा गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद शासन ने लखनऊ व कानपुर समेत 12 जिलों में पटाखों की बिक्री व प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया है।
एनजीटी ने स्मॉग और वायु प्रदूषण को देखते हुए वायु प्रदूषण व कोरोना संक्रमण के चलते यह बड़ा निर्णय लिया है। इससे पहले मुख्य सचिव आरके तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि लखनऊ, कानपुर, मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर, बागपत व बुलंदशहर में वायु प्रदूषण के खराब स्तर को देखते हुए यहां आतिशबाजी पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है।
इन जिलों में लोग डिजिटल, लेजर व अन्य आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर दीपावली मना सकते हैं। सूबे के अन्य जिलों में केवल ग्रीन क्रैकर्स बेचने व प्रयोग करने की अनुमति होगी। एनजीटी की रिपोर्ट में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) का हवाला देते हुए वायु प्रदूषण के लिहाज से मुजफ्फरनगर को खराब, आगरा, वाराणसी, मेरठ व हापुड़ को बहुत खराब और गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर, बागपत व बुलंदशहर को गंभीर श्रेणी में रखा गया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि जिन जिलों में एक्यूआइ माडरेट या उससे बेहतर है, वहां केवल ग्रीन क्रैकर्स बेचने की अनुमति दी जाएगी।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि लोगों को डिजिटल व लेजर तकनीक का प्रयोग करने के अलावा ग्रीन क्रैकर्स का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने सभी जिलों में आतिशबाजी की बिक्री व प्रयोग को लेकर दिए गए निर्देशों का पूरी सख्ती से अनुपालन कराने को कहा है। यह प्रतिबंध नौ नवंबर से प्रभावी माना जाएगा। 30 नवंबर के बाद आतिशबाजी की बिक्री व प्रयोग को लेकर वायु प्रदूषण की स्थिति के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।byhindustan