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पीएम मोदी ने उज्‍जैन के महाकालेश्‍वर मंदिर में श्री महाकाल लोक परिसर का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज उज्‍जैन के विश्‍व प्रसिद्ध महाकालेश्‍वर मंदिर परिसर में महाकाल लोक का उद्घाटन किया। पीएम मोदी पहले इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे और फिर वहां से हैलिकॉप्टर के जरिये उज्जैन पहुंचे, जहां सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया, इसके बाद पीएम मोदी उज्जैन हैलिपेड से महाकाल मंदिर पहुंचे| पीएम मोदी ने रिमोट के माध्‍यम से पन्‍द्रह फुट ऊंचे शिवलिंगम से आवरण हटा कर महाकाल लोक राष्‍ट्र को समर्पित किया। उन्‍होंने महाकाल लोक का पैदल भ्रमण कर अवलोकन किया और विभिन्‍न कार्यों के बारे में जानकारी ली। इसके बाद प्रधानमंत्री ने विद्युत चालित वाहन से महाकाल उद्यान भी देखा। विभिन्‍न राज्‍यों के 750 लोक कलाकारों ने उद्घाटन समारोह में अपनी कला का प्रदर्शन किया।

 

प्रधानमंत्री मोदी शाम लगभग छह बजे श्री महाकालेश्‍वर मंदिर पहुंचे और इस दौरान उन्होंने बाबा महाकाल की आरती भी की. इस दौरान मौजूद पुजारी ने पीएम मोदी को रुद्राक्ष की माला पहनाई. मंत्रोच्चार के साथ पीएम मोदी के माथे पर त्रिपुंड लगाया | उसके बाद उन्होंने वहां जनसभा को भी संबोधित किया अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उज्जैन जो हजारों वर्ष से भारतीय कालगणना का केंद्र बिंदू रहा है, वह भारत की भव्यता के उद्घोष कर रहा है। यहां महाकाल मंदिर में पूरे देश-दुनिया से लोग आते हैं। सिंहस्थ में लाखों लोग जुड़ते हैं। अनगिनत विविधताएं भी, एक मंत्र, संकल्प लेकर जुड़ सकती हैं, इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में उज्जैन को धर्म भूमि बताते हुए कहा कि उज्जैन के क्षण-क्षण में पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है। कण-कण में अध्यात्म समाया हुआ है। कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है। यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग हैं।

 

पीएम मोदी ने कहा कि महाकाल की नगरी उज्जैन के बारे में हमारे यहां कहा गया है कि ‘प्रलयो न बाधते, तत्र महाकाल पुरी… ‘अर्थात.. महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है। हजारों वर्ष पूर्व जब भारत का भौगोलिक स्वरूप आज से अलग रहा होगा तब से यह माना जाता रहा है कि उज्जैन भारत के केंद्र में है। एक तरह से ज्योतिषीय गणनाओं में उज्जैन न केवल भारत का केंद्र रहा है, बल्कि यह भारत की आत्मा का भी केंद्र रहा है।

उज्जैन जैसे स्थान एस्ट्रोनॉमी से जुड़े शोधों के शीर्ष केंद्र रहे हैं। आज नया भारत प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है तो आस्था के साथ-साथ विज्ञान की भी नई छवि बना रहा है। आज भारत दुनिया के कई देशों के सैटेलाइट स्थापित कर रहा है। रक्षा के क्षेत्र में पूरी ताकत से आगे बढ़ रहा है।
युवा स्टार्टअप बना रहे हैं, नए यूनीकॉर्न के जरिये भारत की प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं। हमें भी याद रखना है कि जहां इनोवेशन है वहीं पर रेनोवेशन भी है। हमने गुलामी के कालखंड में जो खोया, आज भारत उसे रेनोवेट कर रहा है। अपने गौरव की, अपने वैभव की पुनस्थापना हो रही है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय-जय महाकाल का नारा लगाते हुए अपने भाषण का समापन कियासोर्सddnews

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